नई दिल्ली. दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत के पहले ‘मेड इन इंडिया’ चिप के 2025 में लॉन्च की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास को प्राथमिकता दी है। मंत्री ने बताया कि सेमीकंडक्टर के डिजाइन और निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए 104 विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) साइन किए गए हैं। इन संस्थानों के पाठ्यक्रमों को अपडेट किया जा रहा है, और डिजाइन आधारित पहल के लिए विशेष निवेश योजनाएं बनाई गई हैं।
फरवरी 2022 में केंद्र सरकार ने देश में तीन सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने को मंजूरी दी थी। मंत्री वैष्णव ने इस प्रगति को “प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता और सही नीतियों” का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 में लॉन्च हुई सेमीकंडक्टर नीति ने उद्योग में तेजी से प्रगति की नींव रखी है।
महामारी के दौरान ऑटोमोबाइल, चिकित्सा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों को सेमीकंडक्टर की कमी के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ा। इससे यह स्पष्ट हुआ कि सेमीकंडक्टर आपूर्ति के लिए विविध स्रोत आवश्यक हैं। इस पृष्ठभूमि में, वैश्विक कंपनियों ने भारत में निवेश को लेकर रुचि दिखाई है।
मंत्री वैष्णव ने बताया कि ‘सेमिकॉन इंडिया’ इवेंट्स में भागीदारी चार गुना बढ़ी है। उन्होंने कहा, “भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम अपार संभावनाओं से भरा है। यह पहल भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर मानचित्र पर मजबूत स्थिति में स्थापित करेगी।” भारत का पहला ‘मेड इन इंडिया’ चिप न केवल तकनीकी विकास की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि होगी, बल्कि यह देश को सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।