मंझौल, बेगूसराय :ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा अपने फैसलों एवं कारनामों को लेकर हमेशा मीडिया के सुर्खियों में बना रहता है ऐसा ही एक मामला सामने आ रहा है जिसमें महज कुछ घंटों के अंदर ही एक महाविद्यालय को दो प्रभारी प्राचार्य मिले मामला रामचरित्र सिंह महाविद्यालय मंझौल का है मंगलवार को कुछ घंटों के अंदर ही विश्वविद्यालय के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विजय मल बैठा प्रभारी प्राचार्य के रूप में योगदान दिया हालांकि इससे महाविद्यालय परिवार में खुशी व्याप्त है । उन्होंने कुछ घंटों के लिए प्रभारी प्राचार्य बने हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार से प्रभार लिया। प्रभारी प्राचार्य ने योगदान देने के बाद कहा कि कॉलेज में नियमित कक्षाएं संचालित करना उनकी प्राथमिकता में शामिल हैं। कहा कि वे महाविद्यालय के समस्याओं पर शिक्षकों एवं छात्रों के साथ बैठक करेंगे ताकि महाविद्यालय का संचालन सही रूप से हो सके ।
*घटनाक्रम*
अब थोड़ा नजर घटनाक्रम पर डालते हैं रामचरित्र सिंह महाविद्यालय मंझौल के प्राचार्य डॉ सत्यनारायण पासवान 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो गए। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के द्वारा पत्र जारी कर 1 अगस्त को हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष विजय कुमार को प्रभारी प्राचार्य के रूप में योगदान देने के लिए कहा गया था। विश्वविद्यालय से जारी अधिसूचना के अनुसार सोमवार को विजय कुमार अपना योगदान दिया उनके योगदान के बाद कॉलेज के शिक्षकों एवं छात्रों ने उनका फूल माला से स्वागत किया यह सब सिलसिला चल ही रहा था इसी बीच विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने एक दूसरी अधिसूचना जारी कर संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विजय मल बैठा को प्रभारी प्राचार्य नियुक्त कर दिया प्रोफेसर विजय कुमार को प्रभार सौंपने का निर्देश दिया गया।
*करना पड़ेगा चुनौतियों का सामना*
बताते चलें कि कि कॉलेज में असामाजिक तत्व बराबर परेशानियों का कारण बनते रहते हैं। बीते साल कॉलेज में कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया था जिसमें एफ आई आर भी दर्ज हुआ था एवं असामाजिक तत्वों से परेशान शिक्षक विगत कुछ दिनों पहले कॉलेज परिसर में धरना पर बैठे थे। असामाजिक तत्वों से निबटकर शिक्षकों एवं छात्रों के बीच खुशनुमा माहौल देना नवनियुक्त प्रभारी प्रधानाचार्य के लिए चुनौती होगी ।