कोरोना की तीसरी लहर का डर कम होने और त्यौहार की मौसम के आगमन ने गुजरात के बाजारों में तेजी की हवा फूंकी
जावेद शेख, अशोक शर्मा, गुजरात
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कृषि क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद माना जाता है । लेकिन मिडिल क्लास और लोअर /मिडल क्लास का अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने में सबसे बड़ा हाथ है। यह बात नजरअंदाज नहीं की जा सकती । कोविड-19 के चलते देश का बाजार काफी हद तक मंद हो गया था। बाजार को गति में लाने के लिए सरकार ने आर्थिक पैकेज घोषित किए। जिसके चलते व्यवस्था में सुधार दिख रहा है। साथ ही त्योहारों की मौसम का प्रारंभ होते हैं बाजार ग्राहकों से उभरने लगे हैं। यह अर्थ तंत्र के लिए अच्छा संकेत है।
कोविड-महामारी के प्रभाव मैं कमी आने से लोग अपने धंधे व्यापार में जुड़ने लगे हैं। व्यापार और धंधे रोजगार की अच्छी शुरुआत होते ही बाजार में चहल पहल बढी हुई दिखाई दे रही है । सरकार की विभिन्न योजनाओं काम शुरू हुआ है साथ ही सरकार ने कर्मचारियों का रुका हुआ महंगाई भत्ता और दूसरे एलाउंसेस नकद में देने की घोषणा ने भी कुछ हद तक बाजार में आ रही तेजी को हवा दी है।
गुजरात के बाजारों में खरीदारी के लिए ग्राहकों की भिड़ उमड़ने लगी है। बड़े शहरों के बाजार खरीदारों की चहल पहल से गूंजने लगे हैं। एक तरफ बाजार को गतिशील बनाने के लिए सरकार की सक्रियता और दूसरी तरफ त्यौहारो की मौसम ने लोगों को घर से बाहर खींच लिया है। गुजरात के विशेषकर कपड़ा बाजारों में,स्कूल- कॉलेज सुरु होने से स्टेशनरी मार्केट,ओर त्योहारों के चलते इलेक्ट्रॉनिक के बाजार में बड़ी तेजी देखने को मिल रही है ।वडोदरा, सूरत, अहमदाबाद ,राजकोट, भावनगर ,जामनगर जैसे बड़े शहरों में कॉटन सिंथेटिक्स और नवरात्र में पहने जाने वाले परंपरागत वस्त्रों की मांग बहुत बढ़ गई है। नवरात्र के बाद आने वाले दशहरा दिपावली के त्योहारों के चलते लोग अपने घरों के लिए नया सामान भी खरीद रहे है ।दिवाली के बाद शुरू होने वाली शादी समारोहों को देखते हुए अभी से ही लोग बाजारों से खरीददारी करने के लिए निकल रहे हैं ।
व्यापारियों ने भी बाजार में बढ़ी हुई चहल पहल को देखते हुए अपने माल का स्टॉक बढ़ाना शुरू कर दिया है। स्कूल कॉलेज खुल जाने से और आने वाले त्योहारों के उपरांत वैवाहिक मौसम को देखते हुए वस्त्र बाजार सहित जरूरी सामान के बाजार के व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर नए माल का ऑर्डर करना शुरू कर दिया है। नवरात्रि के प्रारंभ होते ही इलेक्ट्रॉनिक्स के मार्केट में भारी तेजी दिखाई दे रही है। बाजार में इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रॉनिक्स की चाइनीस चीज वस्तुओं की बढ़ी डिमांड देखने को मिल रही है। रिटेलर्स ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए डिस्काउंट ऑफर और सेल लगाना शुरू कर दिया है। कोरोना महामारी की तीसरी लहर के डर से सहमें हुए व्यापारी ग्राहकों को बाजार में देखकर खुश नजर आ रहे हैं।
नवरात्र से पहले श्राद्ध पक्ष में धोती,कुर्ता,गमछा ,तोलिए,टॉवल आदि वस्तुओं की मांग बनी हुई थी। यही से बाजार का अनलॉक होना शुरू हुआ और नवरात्र के शुभ आरंभ होने के साथ ही कपड़ा बाजार समेत सभी वस्तु बाजारों में महिला पुरुष उपभोक्ताओ की आवाजाही शुरू हो गई है। बाजार के लिए ये बड़ा ही अच्छा संकेत है। बाजार में ग्राहकों की चहल-पहल देखकर व्यापारी दशहरा, दीपावली, छठ पूजा आदि और उसके बाद शुरू होने वाले लग्नसरा मौसम तक बाजारों में की संभावना बनी रहने का अंदाजा लगाया जा रहा है।
बाजारों का सुधार देखते हुए गुजरात की अर्थव्यवस्था अच्छे नतीजे की ओर आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है गुजरात सरकार के द्वारा कर्मचारियों को केंद्र की घोषणा के अनुसार महंगाई भत्ता नगद में चुकाने से तथा महामारी का डर कम होने से लोग अपने काम धंधे पर लौटने के कारण आर्थिक स्थिति अच्छी हुई है असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को भी काम मिलना शुरू हो गया है । दैनिक मजदूरी के लिए बड़ी मात्रा में मजदूर शहरों और पलायन कर रहे हैं। छोट व्यापार करके आजीविका चलाने वाले लोगों का धंधा भी अच्छा चलने लगा है। मिडल क्लास ओर लोअर मिडल क्लास की आमदनी बढ़ी है। यह सब वजह की बाजार में खरीदारी के लिए लोगो की चहल पहल दिख रही है। और यह अर्थतंत्र के लिए बहुत अच्छा संकेत माना जा रहा है।