लखनऊ में आजादी @75 सम्मेलन और प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का मूल पाठ
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी और लखनऊ के ही सांसद, हमारे वरिष्ट साथी, श्रीमान राजनाथ सिंह जी, श्री हरदीप सिंह पुरी जी, महेंद्र नाथ पांडे जी, यहां के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी, श्री दिनेश शर्मा जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान कौशल किशोर जी, राज्य सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक गण, देश के अलग-अलग हिस्सों से आए सभी आदरणीय मंत्रीगण, अन्य सभी महानुभाव और उत्तर प्रदेश के मेरे प्रिय बहनों और भाइयों !
लखनऊ आता हूं तो अवध के इस क्षेत्र का इतिहास, मलिहाबादी दशहरी जैसी मीठी बोली, खान-पान, कुशल कारीगरी, आर्ट-आर्किटेक्चर सब कुछ सामने दिखने लगता है। मुझे अच्छा लगा कि तीन दिनों तक लखनऊ में न्यू अर्बन इंडिया यानि भारत के शहरों के नए स्वरूप पर देशभर के एक्सपर्ट्स एकत्र आ करके मंथन करने वाले हैं। यहां जो प्रदर्शनी लगी है, वो आज़ादी के इस अमृत महोत्सव में 75 साल की उपलब्धियां और देश के नए संकल्पों को भलीभांति प्रदर्शित करती है। मैंने अनुभव किया है पिछले दिनों जब डिफेंस का कार्यक्रम किया था और उस समय जो प्रदर्शनी लगी थी, सिर्फ लखनऊ में ही नहीं पूरा उत्तर प्रदेश उसे देखने क लिए पहुंचा था। मैं इस बार भी आग्रह करूंगा कि ये जो प्रदर्शनी लगी है, यहां के नागरिकों से मेरा आग्रह है आप जरूर देखें। हम सब मिल करके देश को कहां से कहां ले जा सकते हैं, हमारे विश्वास को जगाने वाली यह अच्छी प्रदर्शनी है, आपको जरूर देखनी चाहिए।
आज यूपी के शहरों के विकास से जुड़े 75 प्रोजेक्ट्स विकास के, उनका भी शिलान्यास और लोकार्पण किया गया है। आज ही यूपी के 75 जिलों में 75 हज़ार लाभार्थियों को उनके अपने पक्के घर की चाबियां मिली हैं। ये सभी साथी इस वर्ष दशहरा, दीवाली, छठ, गुरू पूरब, ईद-ए-मिलाद, आने वाले अनेकों उत्सव, अपने नए घर में ही मनाएंगे। अभी कुछ लोगों से बात करके मुझे बहुत संतोष मिला है। और भोजन का निमंत्रण भी मिलगाया है। मुझे इस बात की भी खुशी होती है कि देश में पीएम आवास योजना के तहत जो घर दिए जा रहे हैं, उनमें 80 प्रतिशत से ज्यादा घरों पर मालिकाना हक महिलाओं का है या फिर वो ज्वाइंट ओनर हैं।
और मुझे ये भी बताया गया है कि यूपी सरकार ने भी महिलाओं के घरों से जुड़ा एक अच्छा फैसला लिया है। 10 लाख रुपए तक की राशि के घरों की रजिस्ट्री कराने पर स्टैंप ड्यूटी में महिलाओं को 2 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है। ये बहुत प्रशंसनीय निर्णय है। लेकिन साथ में हम जब ये बात करते हैं महिलाओं को ये उनके नाम मिल्कियत होगी तो उतना हमारे मन में रजिस्टर्ड नहीं होता है। लेकिन मैं बस थोड़ा आपको उस दुनिया में ले जाता हूं आपको अंदाज होगा कि ये निर्णय कितना महत्वपूर्ण है।
आप देखिए, किसी भी परिवार में जाइए अच्छा है, गलत है ये मैं नहीं कह रहा। मैं सिर्फ स्थिति का बयान कर रहा हूं। अगर मकान है तो पति के नाम पर, खेत है तो पति के नाम पर, गाड़ी है तो पति के नाम पर, स्कूटर है तो पति के नाम पर। दुकान है तो पति के नाम पर और अगर पति नहीं रहा तो बेटे के नाम पर, लेकिन उस मां के नाम पर कुछ नहीं होता है, उस महिला के नाम पर कुछ भी नहीं होता है। एक स्वस्थ समाज के लिए संतुलन बनाने के लिए कुछ कदम उठाने पड़ते हैं और इसलिए हमने तय किया है कि सरकार जो आवास देगी उसका मालिकाना हक महिला को दिया जाएगा।
साथियों,
आज लखनऊ के लिए एक और बधाई का अवसर है। लखनऊ ने अटल जी के रूप में एक विजनरी, मां भारती के लिए समर्पित राष्ट्रनायक देश को दिया है। आज उनकी स्मृति में, बाबा साहब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में अटल बिहारी वाजपेयी चेयर स्थापित की जा रही है। मुझे विश्वास है कि ये चेयर अटल जी के विजन, उनके एक्शन, राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को विश्व पटल पर लाएगी। जैसे भारत की 75 साल की विदेश नीति में अनेक मोड़ आए, लेकिन अटल जी ने उसे नई दिशा दी। देश की कनेक्टिविटी, लोगों की कनेक्टिविटी के लिए उनके प्रयास, आज के भारत की मजबूत नींव हैं। आप सोचिए, एक तरफ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और दूसरी तरफ स्वर्णिम चतुष्कर- नॉर्थ-ईस्ट, ईस्ट–वेस्ट और नॉर्थ-साऊथ-ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर यानी दोनों तरफ एक साथ दृष्टि और दोनों तरफ विकास का प्रयास।