तेलंगाना सरकार ने अनुसूचित जाति वर्गीकरण पर आदेश जारी किया
तेलंगाना ने सोमवार को अनुसूचित जाति (एससी) वर्गीकरण के क्रियान्वयन पर एक सरकारी आदेश जारी किया, जिससे यह आधिकारिक तौर पर ऐसा करने वाला देश का शायद पहला राज्य बन गया। यह जानकारी राज्य के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने दी।
तेलंगाना सरकार ने इससे पहले अनुसूचित जाति वर्गीकरण पर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति शमीम अख्तर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था, जिसने सिफारिशें की थीं कि 59 अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कुल 15 प्रतिशत आरक्षण के लिए तीन समूहों अर्थात 1, 2 और 3 में विभाजित किया जाना चाहिए।
सरकारी आदेश में कहा गया है, ‘‘तेलंगाना विधानमंडल के निम्नलिखित अधिनियम को 8 अप्रैल 2025 को तेलंगाना के राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई और उक्त स्वीकृति को सर्वमान्य जानकारी के लिए 14 अप्रैल 2025 को तेलंगाना राजपत्र में पहली बार प्रकाशित किया गया है।’’
सरकारी आदेश ऐसे दिन जारी किया गया है जिस दिन भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बी. आर. आंबेडकर की जयंती है।
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, समूह-1 को एक प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जिनमें 15 सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से वंचित अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं। वहीं समूह-2 में 18 मध्यम रूप से लाभान्वित अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं, जिन्हें नौ प्रतिशत कोटा दिया गया है, जबकि समूह-तीन में 26 उल्लेखनीय रूप से लाभान्वित अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं, जिन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
अनुसूचित जाति वर्गीकरण पर उप-समिति के प्रमुख एवं मंत्री रेड्डी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी आदेश की पहली प्रति आज सुबह मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी को दी गई।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज से, इसी क्षण से, तेलंगाना में रोजगार और शिक्षा में एससी वर्गीकरण लागू किया जाएगा। हमने इस संबंध में एक सरकारी आदेश जारी किया है और इसकी पहली प्रति मुख्यमंत्री को दी है। रेड्डी ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद एससी वर्गीकरण लागू करने वाला तेलंगाना पहला राज्य है।’’
मंत्री ने आरोप लगाया कि तेलंगाना में पूर्ववर्ती सरकारों ने वर्गीकरण के लिए प्रस्ताव पारित करने तक ही खुद को सीमित रखा और कभी इस पर आगे नहीं बढ़ीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार में अब सभी नौकरी रिक्तियों को एससी के लिए उप-वर्गीकरण के अनुसार भरा जाएगा।
सिंचाई मंत्री ने कहा कि कैबिनेट उप-समिति ने सभी हितधारकों की राय एकत्र करने की व्यापक कवायद की। उन्होंने यह भी कहा कि यदि 2026 की जनगणना में एससी की आबादी बढ़ती है, तो इसके लिए आरक्षण भी उसी हिसाब से बढ़ेगा।
फरवरी में तेलंगाना विधानमंडल ने अनुसूचित जाति वर्गीकरण के संबंध में न्यायमूर्ति अख्तर की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था जबकि क्रीमी लेयर को आरक्षण नहीं देने की उसकी (आयोग की) एक अन्य सिफारिश को खारिज कर दिया था। अनुसूचित जाति (आरक्षण का युक्तिकरण) विधेयक, 2025 पिछले महीने पारित किया गया था। पिछले साल उच्चतम न्यायालय ने वर्गीकरण के पक्ष में फैसला दिया था।