टाटा स्टील ने किया भगवान बिरसा मुंडा का अपमान, क्या भगवान बिरसा को चढ़ाने के लिए टाटा स्टील के बगीचे में 2 फूल नही थे: बन्ना गुप्ता
आज पूरा देश भगवान बिरसा मुंडा को नमन कर रहा हैं, उनके किये गए कार्यों को याद करते हुए भावुक हो रहा हैं, भारत सरकार द्वारा भगवान बिरसा मुंडा जी को श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा हैं, पूरे राज्य में उत्सव और उत्साह का माहौल हैं लेकिन एक चीज आज पीड़ा दे रही हैं और वो हैं टाटा स्टील द्वारा भगवान बिरसा मुंडा का अपमान।
टाटा स्टील के संस्थापक दिवस के दिन पूरे शहर को सजाया जाता हैं, लाइटिंग की जाती हैं, कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, न्यूज पेपर से लेकर सोशल मीडिया तक शुभकामनाएं प्रेसित की जाती हैं जो होनी चाहिए हम भी इसका स्वागत करते है।
लेकिन झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर और भगवान बिरसा मुंडा जी के जयंती के अवसर पर टाटा स्टील द्वारा क्या कोई शुभकामनाएं किसी न्यूज या सोशल मीडिया पर प्रेसित की गई हैं?मेरे सवाल उठाने पर कंपनी प्रबंधन ने कुछ चौक चौराहे पर लाइटिंग कर अपने गलती को सुधारने का असफल प्रयास किया है।
एक ऑनलाइन प्रोग्राम संवाद को छोड़कर क्या किसी भी तरह के अन्य सामाजिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया हैं, यदि कोविड गाइडलाइंस की बात है तो क्या किसी प्रकार का कोई आवेदन दिया गया है प्रशासन को?
क्या कंपनी के आधिकारिक ट्विटर या फेसबुक अकाउंट से भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई हैं?
क्या किसी भी प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से झारखंड स्थापना दिवस को लेकर कोई शुभकामना संदेश दिया गया हैं?
टाटा स्टील ने आज के पावन अवसर पर अपने सीएसआर कार्यक्रम के अंतर्गत क्या कोई नई योजना या कार्यक्रम की शुरूआत की घोषणा की हैं?
क्या टाटा स्टील के एमडी, जीएम या उच्च स्तरीय अधिकारियों ने भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यर्पण किया हैं?
भारत सरकार द्वारा निर्देशित जनजातीय गौरव दिवस के आलोक में टाटा स्टील ने किस तरह के नए कार्यक्रम आयोजित किये हैं?
मेरा सवाल हैं कि जब पूरा देश भगवान बिरसा मुंडा की जयंती महोत्सव मना रहा हैं, प्रधानमंत्री जी स्वयं कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं, राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, उत्सव और उमंग का माहौल हैं फिर टाटा स्टील द्वारा शहर में कोई सजावट क्यों नहीं?कोई उत्साह क्यो नही?जैम एट स्ट्रीट के माध्यम से लाखों रुपये खर्च करने वाले और विभिन्न इवेंट्स के माध्यम से जमशेदपुर की जनता से पैसा वसूल करने वाली टाटा स्टील ने झारखंड स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा जी के जयंती समारोह को मनाने के लिए रुचि नही दिखाने का क्या मकसद है?क्या टाटा स्टील झारखंड सरकार, भारत सरकार और भगवान बिरसा मुंडा का अपमान करना चाहती हैं?
आदिवासियों के जमीन में व्यवसाय करने वाली टाटा स्टील ने हमारे भगवान को कैसे भुला दिया?क्या भगवान बिरसा मुंडा की उपेक्षा नहीं हैं?क्या ये आदिवासी भावना के साथ खिलवाड़ नही हैं?
मैं टाटा स्टील द्वारा भगवान बिरसा मुंडा के इस अपमान से आहत हूँ इसलिए कल सुबह 10 बजे बिस्टुपुर गोलचक्कर स्थित जमशेदजी टाटा जी के प्रतिमा के पास विनती करूंगा, प्रार्थना करूंगा कि अधिकारियों को सद्बुद्धि दे।