2024 के लिए कार्यकर्ताओं को दिया टास्क: सीएम नीतीश ने विधानसभा प्रभारी कमेटी को किया भंग,अब जिला स्तर पर बनेगी कमेटी
सोमवार को जिला प्रभारी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक डेढ़ घंटे तक चली। लोकसभा 2014 चुनाव बिहार विधानसभा प्रभारी के सहारे नहीं बल्कि जिला स्तरीय कमेटी के सहारे लड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिला प्रभारी को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा,सीनियर मंत्री बिजेंद्र यादव,मंत्री अशोक चौधरी समेत अन्य नेता मौजूद थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जेडीयू की बैठक में बड़ा फैसला लिया है। विधानसभा प्रभारी नहीं होंगे। अब जिला स्तर पर प्रभारी बनाए जायेंगे। पटना,गया,पूर्णिया,भागलपुर जैसे बड़े जिलों में 2-4 नेताओं को प्रभारी की जिम्मेदारी दीजिए।
‘विधानसभा प्रभारियों की कोई जरूरत नहीं’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीटिंग में कहा है कि विधानसभा प्रभारी की जानकारी तो मुझे थी ही नहीं। मुझे इसकी जानकारी पहले से नहीं थी। मैं समझता हूं कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। जहां हम चुनाव ही नहीं लड़ते हैं वहां पार्टी पदाधिकारी की क्या जरूरत है ? मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा है कि अगर प्रभारी ही बनाना है तो जिला स्तर पर बनाइए। बड़े जिलों में आवश्यकतानुसार प्रभारी का दायित्व दीजिए।
बिहार में महिलाओं को दिया गया आरक्षण
सीएम नीतीश कुमार ने अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता सरकार के कामों को क्षेत्र तक ले जाएं । सीएम नीतीश ने नेताओं को सोशल मीडिया का हवाला देकर कहा है कि सोशल मीडिया के जरिए सरकार के काम काज को प्रचार कीजिए। इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने बिहार सरकार के महिला उत्थान की योजनाओं पर फोकस किया और मीटिंग में शामिल नेताओं से कहा कि देश में बिहार पहला राज्य बना जिसने महिलाओं को आरक्षण दिया है।