गोविंदपुर संस्थान के ब्रह्मर्षियों ने स्वामी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित की
स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों रही मौन
केंद्र और राज्य सरकार के साथ राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं द्वारा किसी भी महापुरुषों के पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने का काम करती है परंतु दुर्भाग्य की बात है कि किसान आंदोलन के प्रणेता रहे स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि पर उन्हें भूलने का काम केंद्र राज्य सरकार के साथ-साथ राजनीतिक दल के आला नेताओं ने भी किया
स्वामी सहजानन्द सरस्वती कल्याण संस्थान के द्वारा स्वामी सहजानन्द सरस्वती जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई.
स्वामी सहजानन्द सरस्वती बीसवीं सदी के ऐसे क्रांतिकारी नेता थे जिन्होंने किसानों के संघर्ष को भारत के मुक्ति संघर्ष से जोड़ने का काम किया था.
भारतीय इतिहास के प्रथम किसान आंदोलन के प्रणेता थे. उनकी किसान चेतना के निर्माण में यथार्थवादी विश्व दृष्टि और वैज्ञानिक इतिहास दृष्टि की महत्वपूर्ण भूमिका थी.
इसके साथ ही वे एक संत थे, दंडी स्वामी थे, भारतीय समाज, संस्कृति और परंपरा के गहरे अध्येता थे.
जनजाति और आदीवासी के उत्थान हेतु सदा अग्रसर रहे.
आज के परिपेक्ष्य में उनकी राष्ट्र भक्ति को हमें अपनाने की आवश्यकता है. वे एकता में विश्वास रखते थे.
आज हम उनके विचारों को आत्मसात करने की प्रतिज्ञा लें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी..
श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु मुख्य रूप से आदरणीय श्री विकास जी,अध्यक्ष ब्रह्मर्षि विकास मंच, राज किशोर जी, संस्थापक महासचिव,अनिल ठाकुर जी, महासचिव ब्रह्मर्षि विकास मंच, दीपू सिंह जी, अध्यक्ष स्वामी सहजानन्द सरस्वती कल्याण संस्थान,जय कुमार जी, महासचिव स्वामी सहजानन्द सरस्वती कल्याण संस्थान,सिया राम जी, रवि भूषण जी, राजेश जी, घनश्याम जी, शिवकुमार जी, मिश्रा जी, राकेश जी, सुधांशु जी, संजीव जी आदि अनेकों ब्रह्मर्षि भाई उपस्थित रहे.
गोविंदपुर संस्थान के ब्रह्मर्षियों ने स्वामी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित की
गोविंदपुर में स्वामी सहजानंद सरस्वती जी के पुण्यतिथि एवं संस्थान के कर्मठ सदस्य स्वर्गीय नवल शर्मा जी के दिवंगत आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन श्रद्धांजलि सभा में सदस्यों ने लिया भाग स्वामी जी के आदर्शो पर चलने का लिया संकल्प