कातिल के करीब सीबीआई!
देवानंद सिंह
सुशांत सिंह मौत प्रकरण में एक ओर जहां सीबीआई की प्रतिष्ठा दांव पर है, वही अगर मामले का खुलासा होता है और रिया चक्रवर्ती का नाम अनुसंधान में सामने आता है तो निश्चित रूप से महाराष्ट्र पुलिस की छवि पर इसका बुरा असर पड़ेगा। क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत मौत प्रकरण को महाराष्ट्र पुलिस ने आत्महत्या का मामला मानकर ठंडे बस्ते में डाल दिया था. वही बिहार पुलिस की छवि प्रभावी बनकर उतरेगी ,दरअसल सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के मामले को महाराष्ट्र पुलिस ने ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी की कर ली थी. लेकिन वह तो बिहार पुलिस की तत्परता रही कि मामला गंभीर बनता चला गया और अंततः सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को सीबीआई के हवाले किए जाने पर हम अपनी अंतिम मुहर लगा दी। मामले में सीबीआई की एंट्री के साथ देश की जनता को भी लगने लगा है कि वह निश्चित तौर पर कातिल के करीब पहुंचेगी और साजिशकर्ता के नाम का खुलासा हो जाएगा। देश में सीबीआई की विश्वसनीयता अपने आप में अलग है, सुशांत सिंह मामले के खुलासे में अगर सीबीआई सफल होती है तो
निश्चित रूप से उसकी छवि और प्रतिष्ठा बढ़ेगी जानकारी हो कि अनुसंधान के क्रम में पहली बार बिहार के आईपीएस अधिकारी दल बल के साथ मुंबई पहुंचे तो उन्हें कोरोना के नाम पर क्वारंटाइन कर दिया गया ।इस घटना से महाराष्ट्र पुलिस की छवि पर बुरा असर पड़ा और लोगों में यह मैसेज गया कि महाराष्ट्र पुलिस सुशांत सिंह राजपूत मौत प्रकरण की जांच को ही क्वारंटाइन करना चाहती है . इस पूरे मामले में देश में भी राजनीत शुरू हो रही थी. बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा और नीतीश सरकार दोनों इसे सीबीआई के हवाले करने के पक्ष में थे। ऐसा हुआ भी अगर निकट भविष्य में मामले का खुलासा होता है अपराधी पकड़े जाते हैं तो कांग्रेस के साथ-साथ शिवसेना को भी मुंह की खानी पड़ेगी और और उनकी प्रतिष्ठा भी धूमिल होगी।
दूसरी ओर हम कह सकते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत मौत प्रकरण में सीबीआई नया अध्याय लिखने की तैयारी में है. दरअसल सुशांत सिंह मौत प्रकरण जैसा मामला अब तक सीबीआई इन्वेस्टिगेशन तक नहीं पहुंचा है. इसलिए यह मामला सीबीआई के लिए और आम लोगों की जानकारी के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वही पिछले 48 घंटों से मामले की तहकीकात में जुटी सीबीआई सुशांत सिंह की मौत को हत्या मानकर अनुसंधान कर रही है. भले ही अंतिम रिपोर्ट का नतीजा कुछ और हो. शनिवार को सुशांत सिंह राजपूत मौत प्रकरण में तफ्तीश के सिलसिले में मुंबई पहुंची सीबीआई की तीन अलग-अलग टीमों ने मामले को खंगालना शुरू किया था और कुछ संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए लाया गया था. इस दौरान टीम के साथ एक एफएसएल की टीम थी जो सुशांत सिंह की लाश जिस कमरे में मिली थी उसकी फॉरेंसिक विधि से जांच करेगी. इसके अलावा उसके बावर्ची उसके करीबी दोस्त नीरज और सिद्धार्थ पठानी से पूछताछ कर मामले के खुलासे में जुटी है. अब तक के सीबीआई अनुसंधान से ऐसा लगता है कि सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती मामले में घिरती जा रही है। उसके खिलाफ आरोप है कि उसने सुशांत सिंह राजपूत को आत्महत्या के लिए उकसाया करोड़ों रुपए के लेन-देन में उसने धोखाधड़ी की जैसा कि बताया जाता है ,सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया चक्रवर्ती और उसके पिता के बैंक खाते में करोड़ों रुपए का सुशांत सिंह राजपूत के खाते से ट्रांजैक्शन हुआ है ।इन तमाम आरोपों के सबूत खोजने के प्रयास में जुटी सीबीआई को अब तक आंशिक सफलता भी मिली है निकट भविष्य में अनुसंधान किस ओर मुड़ता है यह समय के गर्त में है!
सुशांत मामला- सत्यमेव जयते
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के ममाले की सीबीआई जांच को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी के बाद अब यह उम्मीद जगी है कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। पूरे मामले में फ्लैश बैक पर जाने से एक बात साफ नजर आती है कि सुशांत की मौत के पीछे कोई बड़ी साजिश जरूर है। पहले दिन से ही सुशांत को डिप्रेशन का शिकार साबित करने की एक मुहिम चलाई जा रही थी। यह सब दिया चक्रवर्ती जैसी एक मामूली कलाकार के बूते के बाहर की बात है। उसके बाद से मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की भूमिका पर लगातार सवाल उठने लगे थे। यदि सुशांत के पिता की शिकायत पर बिहार में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई होती तो मुंबई पुलिस मामले को ठंडे बस्ते में डालने की पूरी तैयारी कर चुकी थी। एक तरह से देश की सबसे पेशेवर मानी जाने वाली मुंबई पुलिस पर बिहार पुलिस किस कदर भारी पड़ी यह पूरे देश ने देखा। खासकर बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने जिस बेहद संतुलित फिर आक्रमक तरीके से अपने अधिकारियों का बचाव एवं मुंबई पुलिस पर हमले किये उसने भी देश में एक माहौल बनाने का काम किया। उसके बाद से मुंबई पुलिस पर संदेह करनेवालों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई।
चूंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामला सीबीआई को सौंपा है इसलिये मुंबई पुलिस या महाराष्ट्र सरकार सीबीआई अधिकारियों के साथ वैसा सलूक नहीं करेगी जैसा बिहार के आईपीएस अधिकारी या बिहार पुलिस के अधिकारियों के साथ किया गया था। यह बेहद आश्चर्य की बात है कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में अबतक कोई प्राथमिकी ही दर्ज नहीं की थी। यही कारण है कि बिहार में दर्ज प्राथमिकी को ही पूरे केस की प्राथमिकी मानी गई। मुंबई पुलिस जो इतनी पेशवर मानी जाती है किस बिना पर इस मामले में 56 लोगों का बयान लेती रही, इसके लिये भी सुप्रीम कोर्ट में उसे फटकार मिली है।
इस पूरे प्रकरण में राजनीति को छोड़ दें तो भी बालीवुड में साफ तौर पर दो फाड़ नजर आ रहा है। कंगना राउत या उन जैसे चुनिंदा कलाकारों ने खुलकर सीबीआई जांच की पैरवी की वरना बाकी को सांप सूंघा रहा। जो शेष कई अभिनेता कश्मीर मामले को लेकर या कई घटनाओं को लेकर सड़कों पर कैंडल पोस्टर लिये उतर पड़ते हैं उनको सुशांत मामले में सांप क्यों सूंघ रहा यह भी जांच का विषय है। बालीवुड के ट्वीटर वीर, ‘वीरांगणाये भी अदृश्य नजर आ रहे हैं। यह सब स्वाभाविक तौर पर संदेह पैदा करने वाला है। अब देखना है कि सीबीआई जांच का कोई राजनीतिक इसतेमाल न किया जाये। चूंकि मामले में शिवसेना प्रमुख के बेटे का नाम आ रहा है तो इसके जरिये शिवसेना पर नकेल कसने के बजाय दोषियों को उजागर किया जाना चाहिए।
सुशांत सिंह केस में सीबीआई जांच का रविवार को तीसरा दिन था। सीबीआई की टीम सुशांत के फ्लैट पर उनके दोस्त सिद्धार्थ पिठानी, हेल्पर दीपेश और कुक नीरज सिंह को लेकर पहुंची। यहां करीब 3 घंटे तक तीनों लोगों से 13 और 14 जून की घटना के बारे में सवाल किए गए। सूत्रों का कहना है कि क्राइम सीन सीक्वेंस, लाश उतारने और 13-14 जून की घटना के बारे में तीनों के बयान विरोधाभासी हैं।
सीबीआई की एक टीम आज उस वाटर स्टोन रिसॉर्ट में भी गई, जहां सुशांत ने 2 महीने गुजारे थे। टीम रिसॉर्ट में 2 घंटे रुकी। स्टाफ से यह पता किया कि जब सुशांत वहां रुके थे, तो उनका व्यवहार कैसा था। इससे पहले सीबीआई की टीम ने सुशांत के फ्लैट ओनर संजय लालवानी से पूछताछ की, इसके बाद छत पर जाकर फिर एक बार क्राइम सीन रीक्रिएट किया।
सीबीआई जल्द ही रिया चक्रवर्ती से भी पूछताछ करेगी। टीम सुशांत, रिया और इस केस से जुड़े दूसरे लोगों की कॉल डिटेल खंगालेगी।
तीसरे दिन सवाल-जवाब में उलझे सिद्धार्थ, दीपेश और नीरज सूत्रों के मुताबिक, तीनों ने बेड और पंखे की ऊंचाई को लेकर अलग-अलग बयान दिया। सुशांत की लाश नीचे कैसे उतारी गई, इस बारे में नीरज का जवाब बाकियों से अलग है।
नीरज ने टीम को ये भी बताया कि 13 जून की रात सुशांत को एक खास सिगरेट नहीं मिली।दीपेश जो कि रिया का सबसे करीबी बताया जा रहा है, वह सीबीआई को गुमराह कर रहा है। सिद्धार्थ और नीरज ने क्राइम सीन सीक्वेंस के बारे में पूछे गए सवालों के अलग जवाब दिए। 13 और 14 जून की घटनाओं के बारे में सिद्धार्थ और नीरज ने अलग-अलग जानकारियां दीं।
8 जून की रात सुशांत और रिया के बीच क्या हुआ था, इस पर भी सिद्धार्थ का बयान अलग।
पुलिस ने जल्दबाजी में पोस्टमार्टम करवाया
सीबीआई ने शनिवार को सुशांत के फ्लैट पर घटना को री-क्रिएट किया था। साथ ही सुशांत की ऑटोप्सी करने वाले कूपर अस्पताल के 3 डॉक्टर्स से सवाल-जवाब किए। सूत्रों के मुताबिक डॉक्टर्स ने बताया, ‘मुंबई पुलिस के कहने पर सुशांत का पोस्टमॉर्टम बिना कोरोना टेस्ट किए जल्दबाजी में करवाया था। रात में ही ऑटोप्सी की गई थी।’
शनिवार को सीबीआई की टीम ने वहां 6 घंटे रुककर घटना को री-क्रिएट किया।
13 जून को सुशांत के घर पार्टी नहीं हुई
सुशांत के पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने शनिवार को खुलासा किया, ‘सुशांत के घर की लाइट आमतौर पर सुबह 4 बजे तक जली रहती थी। लेकिन, 13 जून की रात 10 बजे से 11 के बीच बंद हो गई थी। उस रात कोई पार्टी नहीं हुई थी।