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    Home » आत्म मोक्षार्थम जगत हिताय च” के उपासक थे सुभाष चंद्र बोस
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    आत्म मोक्षार्थम जगत हिताय च” के उपासक थे सुभाष चंद्र बोस

    Devanand SinghBy Devanand SinghJanuary 23, 2024Updated:January 23, 2024No Comments2 Mins Read
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    आत्म मोक्षार्थम जगत हिताय च” के उपासक थे सुभाष चंद्र बोस :

    एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की जरूरत होती
    प्राउटिष्ट यूनिवर्सल की ओर से सुभाष चंद्र बोस जी के जन्म दिवस के अवसर पर साकची गोलचक्कर से प्राउटिष्ट यूनिवर्सल के कार्यकर्ताओं द्वारा जुलूस निकाला गया।

     

     

    बैनर एवम फ्लैग लेकर जुलूस बंगाल कलब होते हुए आम बगान मैदान में सुभाष चंद्र बोस जी के प्रतिमा स्थल तक पहुंचा । माल्यार्पण करने के पहले प्रतिमा स्थल पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए लालबिहारी आनंद , गंगाधर दत्ता एवं सुनील आनंद ने कहा की नेताजी
    सुभाष चंद्र बोस एक सच्चे देश भक्त थे । सैनिक के विषय में उन्होंने कहा था कि “एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की जरूरत होती है” तभी एक सैनिक पूर्ण रुप से सैनिक बन सकता है और समाज का सेवा कर सकता है ।

     

    सुभाष चंद्र बोस भारत के आजादी के बाद वे सामाजिक आर्थिक ,अध्यात्म पर आधारित दर्शन प्रउत दर्शन के जन्मदाता श्री प्रभात रंजन सरकार उर्फ़ श्री श्री आनंदमूर्ति जी के दर्शन एवं आदर्शों को सर्वश्रेष्ठ बताया था । नेता जी ने अपने साथियों को बताया कि “प्रउत ” प्रत्येक समाज की समस्याओं का समाधान नैतिकता के आधारशिला पर खड़ा होकर व्यक्ति एवं सामाजिक जीवन के लक्ष्य तक पहुंचने का संदेश भी देता है । नेताजी ” आत्म मोक्षार्थम जगत हिताय च” के उपासक थे । दिल्ली लाल किला में नेताजी को समर्पित म्यूजियम का उद्घाटन 2019 में करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी कहा था कि नेताजी “आत्म मोक्षार्थम जगत हिताय च” के उपासक थे, यही आनंद मार्ग का उद्देश्य भी है ।

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