नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने ओडिशा में ‘वायु: महत्वपूर्ण प्राण शक्ति’ (वायु: द वाइटल लाइफ फोर्स) पर राष्ट्रीय युवा सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित किया।
अपने संबोधन में अश्विनी कुमार चौबे ने कहा जीवन को बरकरार रखने और उसका पोषण करने में पंचमहाभूत
-यानि सृष्टि के पांच मूल तत्वों की भूमिका पर बल दिया। पृथ्वी और प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने वाली प्राचीन भारतीय सभ्यताओं द्वारा छोड़े गए ज्ञान के अथाह भंडार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है जब भारत, भारतीय विचारों के महत्व और प्रासंगिकता को नए सिरे से तलाश करे। उन्होंने कहा कि भारतीय दृष्टिकोण को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं जैसे वायुमंडलीय विज्ञान, तापीय प्रदूषण, मौसम विज्ञान की भूमिका, वायु की संरचना, जलवायु परिवर्तन, कृषि पर प्रभाव आदि पर आयोजित तकनीकी सत्रों के आयोजन और पेपर प्रस्तुत करने के माध्यम से किए गए ज्ञान के प्रसार की सराहना की।
श्री चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए वायु प्रदूषण में कमी लाने के लक्ष्यों सहित राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम तैयार करने, वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क (मैनुअल और रियल टाइम) बढ़ाने आदि जैसे अनेक उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन सभी महत्वपूर्ण हितधारकों को एक साथ लाकर और वायु गुणवत्ता सुधार पर चर्चा को व्यापक बनाने में हमारी मदद करते हुए इन प्रयासों को आगे बढ़ाता है। यह सम्मेलन इस संदेश पर बल देता है कि हमें प्रकृति के अनुसार ढलने तथा प्रकृति और संस्कृति के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करने की आवश्यकता है।
श्री चौबे ने 900 से अधिक प्रतिनिधियों की इस सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के भविष्य के निर्माण में देश के युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और युवाओं को रचनात्मक रूप से साथ जोड़ने और वायु गुणवत्ता की चुनौतियों को हल करने के लिए उन्हें अपने अभिनव विचार व्यक्त करने का मंच प्रदान करने के सरकार के प्रयासों को इस प्रकार के युवा सम्मेलन और भी गति प्रदान करते हैं।
शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर, ओडिशा में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस युवा सम्मेलन में देश में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आधुनिक और पारंपरिक ज्ञान के संयोग को याद किया।