जमशेदपुर के खास स्थित सदर अस्पताल में विश्व एड्स दिवस व झारखंड मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण माह पर विशेष कार्यक्रम
डॉक्टर शाहिर पॉल ने एसीएमओ रहते कोरोना काल में जिस लगन मेहनत व निस्वार्थ भाव से सेवा की सरकार ने भी जांच परख कर उन्हें सिविल सर्जन पूर्वी सिंहभूम में पदस्थापित किया कार्यभार संभालते ही सबसे अलग कुछ करने की जज्बा रखने वाले सिविल सर्जन शाहिर पाल लगातार इस प्रयास में है कि सरकार द्वारा मुहैया की जा रही हर सेवा को समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक वह सुविधा पहुंच सके यही कारण है कि अब आम जनता यह कहने लगी है कि हीरो ऑफ द कोरोना जमशेदपुर का साहिल पॉल ही है एड्स दिवस के अवसर पर जब सिविल सर्जन आम लोगों के साथ-साथ अपने अधीनस्थ के साथ बात कर रहे थे तो आत्मविश्वास साफ तौर पर झलक रहा था
जमशेदपुर के खास स्थित सदर अस्पताल में विश्व एड्स दिवस व झारखंड मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण माह पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां कार्यक्रम का शुभारंभ जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर शाहिर पाल समेत अन्य चिकित्सकों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया
एड्स बीमारी किस प्रकार से फैलता है और इस बीमारी के प्रति ज्यादा से ज्यादा लोगों को किस प्रकार से जागरूक किया जा सके, एड्स बीमारी के क्या लक्षण है
ऐसी तमाम जानकारियों को संबंधित चिकित्सकों ने विश्व एड्स दिवस पर उपस्थित लोगों के समक्ष कार्यक्रम के दौरान साझा की साथ ही लोगों से अपील किया गया कि असुरक्षित यौन संबंध से लोग बचे, एचआईवी का जांच करवाएं क्योंकि अपनी सुरक्षा अपने हाथ में है और इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके इतना ही नहीं चिकित्सकों ने इस बीमारी से पीड़ित रोगियों के साथ समाज में समान व्यवहार करने की भी अपील की, वहीं दूसरी तरफ झारखंड मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण माह के तहत 9 महीने से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई गई,वही जानकारी देते हुए
[su_youtube url=”https://youtu.be/QX4eZWTS0d8″]
सिविल सर्जन डॉक्टर शाहिर पॉल ने बताया कि इस वर्ष विश्व एड्स दिवस पर समानता का थीम लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें इस बीमारी से कैसे बचना है समाज में लोगों को कैसे जागरूक करना है चिकित्सकों को अपना व्यवहार कैसा करना है इन सब विषयों पर जोर दिया गया साथ ही उन्होंने बताया कि झारखंड मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण माह के तहत 1 दिसंबर से 31 दिसंबर तक 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने की शुरुआत की गई है
ताकि आने वाली पीढ़ी को रतौंधी और खसरा जैसी बीमारी से बचाया जा सके उन्होंने बताया इसके लिए एएनएम को किस तरह से जिम्मेदारी पूर्वक अपने कार्य को करना है इस पर विशेष दिशा निर्देश दिया गया