आंतरिक साधना से ही आत्मसाक्षात्कार संभव
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर : जमशेदपुर एवं पूरे कोल्हन प्रमंडल से काफी संख्या में आनंद मार्गी इस विश्व स्तरीय धर्म महासम्मेलन में भाग ले रहे हैं जो शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं है । वह ऑनलाइन के माध्यम से आध्यात्मिक लाभ उठा रहे हैं।
चौड़ा मैदान स्थित पीटर हॉफ प्रांगण में आनंद मार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय धर्म महासम्मेलन (26–27 अप्रैल) के
भव्य धर्म महासम्मेलन के द्वितीय दिवस का शुभारंभ आध्यात्मिक ऊर्जा और उत्साह से परिपूर्ण रहा।
प्रातःकालीन सत्र की दिव्यता साधकों द्वारा गुरु सकाश, पांचजन्य एवं सामूहिक साधना में “बाबा नाम केवलम” महामंत्र कीर्तन से प्रकट हुई, जिससे संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक चेतना से गुंजायमान हो उठा। पुरोधा प्रमुख जी के आगमन पर आनंद मार्ग सेवा दल के समर्पित स्वयंसेवकों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान कर ससम्मान स्वागत किया।
इस अवसर पर श्रद्धेय पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन काल से मानव आत्म-साक्षात्कार हेतु विविध साधनाओं — तप, व्रत, यज्ञ, तीर्थयात्रा आदि — का आश्रय लेता रहा है। तथापि, शिव और पार्वती के संवाद के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि बाह्य तप, यज्ञ या उपवास के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति संभव नहीं है। वास्तविक मुक्ति केवल ‘मैं ब्रह्म हूँ’ — इस ज्ञान के माध्यम से ही संभव है।