नई दिल्ली। देश में भले ही कोरोना का खौफ बढ़ रहा गई, और स्कूल और कॉलेज बंद चल रहे हों, लेकिन जल्द देश भर के स्कूल, कालेज सहित दूसरे शैक्षणिक संस्थानों को संक्रमण की रफ्तार के थमते ही फिर से खोला जा सकता है। केंद्र सरकार इस पर मंथन कर रही है। फिलहाल, अभी कोई तिथि निर्धारित नहीं की है, पर इस पर केंद्र सरकार राज्यों से बात कर रही है। हालांकि इसका फैसला राज्यों को ही करना है। लेकिन इससे पहले छात्रों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कुछ जरुरी दिशा-निर्देश दिए जाने की तैयारी है। जिसके तहत केंद्र ने सभी राज्यों से 15 साल से ज्यादा उम्र वाले छात्रों के वैक्सीनेशन की जानकारी मांगी है। इसी बीच तमिलनाडु सरकार ने एक फरवरी से कक्षा एक से 12 तक के छात्रों के लिए शारीरिक कक्षाएं फिर से खोलने की घोषणा कर दी है। दरअसल, कोरोना संक्रमण की रफ्तार के धीमी पड़ने के साथ ही सभी राज्यों में बाजार और दुकानें खुल गई हैं, इसी को देखते हुए स्कूलों और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों को भी खोलने की भारी दबाव है। क्योंकि बच्चे काफी वक्त से घरों में कैद हैं। दसवीं व बारहवीं में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों की ओर से भी स्कूलों को खोलने की मांग लगातार की जा रही है। उधर, शिक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कई राज्यों ने तो इसे लेकर संपर्क भी साधा है। साथ ही, कोरोना की पिछली लहरों की तर्ज पर इस बार स्कूलों सहित दूसरे शैक्षणिक संस्थानों को जैसे कोचिंग आदि को खोलने को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। जिसके बाद ही मंत्रालय ने इस दिशा में काम शुरू किया है। फिलहाल, जो संकेत मिल रहे है, उनमें अभी सिर्फ नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा। बाकी बच्चों को अगले कुछ महीने और स्थिति को देख कर निर्णय लिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक वाले दिनों में वैसे भी बोर्ड सहित जेईई मेंस व नीट जैसी परीक्षाएं हैं, जिसके लिए स्कूलों को खोलना ही होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े विशेषज्ञों ने भी सलाह दी है कि स्कूलों व शैक्षणिक संस्थानों को खोलने में कोई खतरा नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमितों में स्कूली बच्चों की आयु वर्ग वालों की संख्या काफी कम है। इसीलिए स्कूल और कॉलेजों को खोलने में कोई खतरा नहीं है।
कोरोना की रफ्तार कम होने के साथ ही खोले जा सकते स्कूल-कॉलेज, केंद्र दिशा-निर्देश जारी करने की तैयारी में
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