कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि ट्रायल जज ने बिना पर्याप्त कारणों और आधार के दो साल की अधिकतम सजा सुनाई है.
कोर्ट ने राहुल गांधी को कथित टिप्पणी करते समय सावधान रहने के लिए भी कहा है.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केसी कौशिक ने कहा, “कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है…सबसे महत्वपूर्ण बात है कि कोर्ट ने यह कहा है कि यह किसी एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि जिन लोगों ने राहुल गांधी को संसद में पहुंचाया है उनके अधिकारों का हनन है.”
प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है – “गौतम बुद्ध ने बताया है कि तीन चीज़ें सूर्य, चंद्रमा, और सत्य को ज़्यादा दिनों तक छिपाए नहीं रखा जा सकता.
माननीय उच्चतम न्यायालय को न्यायपूर्ण फैसला देने के लिए धन्यवाद. सत्यमेव जयते”
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडल पर राहुल गांधी की तस्वीर के साथ लिखा है – “आ रहा हूं… सवाल जारी रहेंगे”
लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”राहुल गांधी के ख़िलाफ़ जो साजिश रची गई, वो नाकाम हुई है. ये सत्य की जीत है. राहुल गांधी की जीत मोदी जी के लिए भारी पड़ेगी. राहुल गांधी आंधी बनकर उतरेंगे, जितनी साजिश करनी है कर लो.”
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा है – ‘श्री राहुल गांधी पर मानहानि के मुकदमे में सजा पर रोक का सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. यह सच्चाई एवं न्याय की जीत है.’
वहीं, सचिन पायलट ने लिखा है – “सत्यमेव जयते, माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी जी की सज़ा पर रोक का फैसला करके लोकतंत्र की आवाज़ को मजबूत किया है. ‘INDIA’ की आवाज़ अब फिर संसद में गूंजेगी…जनता के अधिकारों की आवाज़ को मजबूत करने के लिए माननीय न्यायालय का आभार.”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल जज ने बिना पर्याप्त कारणों और आधार के दो साल की अधिकतम सजा सुनाई है.
कोर्ट ने राहुल गांधी को कथित टिप्पणी करते समय सावधान रहने के लिए भी कहा है.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केसी कौशिक ने कहा, “कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है…सबसे महत्वपूर्ण बात है कि कोर्ट ने यह कहा है कि यह किसी एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि जिन लोगों ने राहुल गांधी को संसद में पहुंचाया है उनके अधिकारों का हनन है.”
कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा- यह नफरत के ख़िलाफ मोहब्बत की जीत है, सत्यमेव जयते.
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सज़ा के एलान के बाद ट्वीट किया- ”राहुल गांधी पर मानहानि के मुकदमे में सजा पर रोक का सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. यह सच्चाई एवं न्याय की जीत है.”
कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा, “हम लोगों को इस फैसले की उम्मीद थी. ये सत्य की जीत है.”
मोदी सरनेम केस- कब क्या हुआ?
2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक रैली के दौरान कहा- सारे चोरों के नाम में मोदी कॉमन है. राहुल गांधी नीरव मोदी, ललित मोदी का नाम लेकर पीएम मोदी पर तंज कस रहे थे.
इस टिप्पणी के ख़िलाफ़ गुजरात के बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने आईपीसी की धारा में शिकायत दर्ज की. मानहानि का केस कोर्ट पहुंचा.
सूरत की अदालत में सुनवाई हुई और मार्च में राहुल को दो साल की सज़ा सुनाई गई.
लोकसभा सचिवालय ने नोटिस जारी कर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी है. ऐसा प्रतिनिधित्व अधिनियम के कारण हुआ.
राहुल गांधी अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट गए.
गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत हाईकोर्ट के फ़ैसले को बरकरार रखा.
हाईकोर्ट के बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.