जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सियासत पूरे तरफ गर्म होती हुई नजर आ रही है. एक तरफ कांग्रेस अपनी कुर्सी बचाने में लगी हुई है तो दूसरी तरफ भाजपा राजस्थान में संगठन को मजबूती देने के प्रयास में जुटी है. इसी बीच मौजूदा सीएम अशोक गहलोत के एक बयान ने भाजपा की धड़कनें बढ़ा दी. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी में वसुंधरा राजे की कथित रूप से हुई उपेक्षा को लेकर एक बयान देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री को उनके कारण सजा नहीं मिलनी चाहिए. अब उनके इस बयान पर भाजपा राजस्थान के नेता ये उम्मीदें लगाने लगे हैं कि कहीं राजस्थान कांग्रेस भाजपा संगठन में फूट डालने की साजिश में तो नहीं जुटी है.
बीते गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वसुंधरा राजे को मेरी वजह से सजा मिलती है तो यह भाजपा की नेता के साथ अन्याय होगा. हालांकि, वसुंधरा के मामले पर जब अशोक गहलोत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है.
बीजेपी के लोग अपनी ही सरकार गिराना चाहते थे
प्रेसवार्ता के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने राजस्थान में 1990 के दशक की घटित हुई एक राजनीतिक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि तत्कालीन सीएम भैरो सिंह शेखावत इलाज के लिए अमेरिका गए थे और उस दौरान भाजपा के लोग ही अपनी सरकार गिराना चाहते थे, लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने इसका विरोध किया था. ठीक वैसे ही भाजपा की ओर से वसुंधरा की हो रही उपेक्षा का भी कांग्रेस विरोध करती है. आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने इसी साल मई के महीने में राजस्थान के धौलपुर में एक कार्यक्रम में दावा किया था कि वह 2020 में कांग्रेस के कुछ विधायकों की बगावत से बच गए क्योंकि बीजेपी नेता वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने धन बल के जरिए से एक चुनी हुई सरकार को गिराने के षडयंत्र का समर्थन करने से इनकार कर दिया था.