Close Menu
Rashtra SamvadRashtra Samvad
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • होम
    • राष्ट्रीय
    • अन्तर्राष्ट्रीय
    • राज्यों से
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
      • ओड़िशा
    • संपादकीय
      • मेहमान का पन्ना
      • साहित्य
      • खबरीलाल
    • खेल
    • वीडियो
    • ईपेपर
      • दैनिक ई-पेपर
      • ई-मैगजीन
      • साप्ताहिक ई-पेपर
    Topics:
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Rashtra SamvadRashtra Samvad
    • रांची
    • जमशेदपुर
    • चाईबासा
    • सरायकेला-खरसावां
    • धनबाद
    • हजारीबाग
    • जामताड़ा
    Home » मानव जीवन को सत्यम शिवम एवं सुंदरम में प्रतिष्ठित करना ही प्रउत का एकमात्र लक्ष्य है
    Breaking News जमशेदपुर झारखंड

    मानव जीवन को सत्यम शिवम एवं सुंदरम में प्रतिष्ठित करना ही प्रउत का एकमात्र लक्ष्य है

    Devanand SinghBy Devanand SinghDecember 14, 2023No Comments5 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link

     

     

    मानव जीवन को सत्यम शिवम एवं सुंदरम में प्रतिष्ठित करना ही प्रउत का एकमात्र लक्ष्य है

    उपयुक्त आर्थिक नीति एवं दूरदर्शी नैतिक नेतृत्व का आभाव ही समाज में विषमता का एकमात्र कारण है

    विश्व मानवता सही जीवन दर्शन के अभाव में घोर निराशा एवं हताशा की काली छाया के बीच चौराहे पर खड़ा है

     

     

    जमशेदपुर 14 दिसंबर 2023

    प्राउटिष्ट यूनिवर्सल की ओर से आयोजित पत्रकार सम्मेलन न्यू सि .पी. क्लब ,सोनारी राम मंदिर के पास आयोजित हुआ। विषय “पांच दिवसीय उपयोगिता प्रशिक्षण शिविर” जो 15 दिसंबर से 19 दिसंबर तक गदरा आनंद मार्ग जागृति में आयोजित हो रहा है इस विषय में जानकारी देते हुए मुख्य वक्ता प्राउटिष्ट यूनिवर्सल के आचार्य प्रियतोशानंद अवधूत , आचार्य सत्यव्रतानंद अवधूत , आचार्य सिद्धविद्यानंद अवधूत , आचार्य पारसनाथ , राजेंद्र प्रसाद एवं लाल बिहारी आनंद ने बताया कि पांच दिवसीय उपयोगिता प्रशिक्षण शिविर में शारीरिक ,मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए योग साधना ,आसन ,प्राणायाम के साथ-साथ मनुष्य के बौद्धिक विकास के लिए लिए प्रत्येक दिन क्लास लिए जाएंगे।

     

     

    प्राउटिष्टों ने कहा कि उपयुक्त आर्थिक नीति एवं दूरदर्शी नैतिक नेतृत्व का आभाव ही समाज में विषमता का एकमात्र कारण है। पूंजीवाद ने मनुष्य का आर्थिक शोषण कर उसे भिखारी बना दिया है तो साम्यवाद ने धर्म को अफीम बताकर मनुष्य को हैवान बना दिया है। विश्व मानवता उपयुक्त सही जीवन दर्शन के अभाव में घोर निराशा एवं हताशा की काली छाया के बीच चौराहे पर खड़ा है
    हाल ही में वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की सभा में उपस्थित दुनियाभर के वित्त मंत्री सेंट्रल बैंक के प्रमुख एवं संसार के जाने-माने अर्थशास्त्रियों ने एक स्वर में स्वीकार किया है कि तेज आर्थिक विकास का अब कोई मॉडल नहीं दिख रहा है। पूंजीवाद का मौजूदा मॉडल ग्लोबल इकोनॉमी या उदारीकरण की अर्थव्यवस्था पर अब बंद गली के दरवाजे पर है और साम्यवाद की समाजवादी मॉडल तो काफी पहले ही अतीत का पाठ बन चुका है। तब विकल्प क्या है? ऐसी विषम परिस्थिति में सदी के महान दार्शनिक एवं युगदृष्टा श्री श्री आनंदमूर्ति जी द्वारा प्रतिपादित एक सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक सिद्धांत प्रउत (प्रगतिशील उपयोगी तत्व) ने दिग्भ्रमित मानव मनीषा में एक आशा की किरण जगाई है । अध्यात्म पर आधारित “प्रउत” दर्शन नव्य मानवतावाद की आधारशिला पर एक शोषण मुक्त मानव समाज के निर्माण की उद्घोषणा करता है। ”
    प्रउत “चाहता है एक ऐसी समाज व्यवस्था जिसमें पर्यावरण अनुकूल समस्त जीव जंतु , पतंग पेड़ पौधे पशु पक्षी नर-नारी बच्चे बूढ़े गरीब अमीर सभी को स्वतंत्र रुप से जीने का अधिकार हो। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को जीवन की न्यूनतम आवश्यकता भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा एवं चिकित्सा की पूर्ति की गारंटी हो। शत प्रतिशत रोजगार के द्वारा उत्तरोत्तर प्रगति एवं जीवन स्तर में वृद्धि हो। गुणी जनों को न्यूनतम आवश्यकता के अतिरिक्त विशेष सुविधाएं प्रदान हो। सभी प्रकार के संपदाओं का अधिकतम उपयोग एवं विवेक पूर्ण वितरण हो। सबको शारीरिक ,मानसिक और अध्यात्मिक विकास का समान शुअवसर हो। सभी प्रकार जिसमें सभी को सभी प्रकार की जीवन पर आधारित सुख सुविधा उपलब्ध हो । किसी भी परिस्थिति में किसी भी प्रकार से शोषित होने की कोई गुंजाइश ना हो। यही है “प्रउत “की आर्थिक प्रजातंत्र की परिकल्पना।

     

     

     

    कट्टर नैतिकवान, पक्का चरित्रवान, सच्चा आध्यात्मिक, पक्का प्रउतवादी, नव्य मानवतावादी और प्रगतिशील समाजवादी हो जो सम- समाज तत्वों से प्रेरित होकर “सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय” की भावना से ओतप्रोत हो और निःस्वार्थ सेवाभावी हो। जो शारीरिक स्वस्थ, मानसिक सबल एवं अध्यात्मिक उन्नत हो और समाज में व्याप्त सभी प्रकार के अन्याय के विरुद्ध सदैव संघर्षशील हो ।
    ऐसे अद्भुत गुणों से युक्त व्यक्तित्व का नाम होगा सदविप्र। और ऐसे सद्विप्रो के कल्याणकारी अधिनायक तत्व को कहेंगे नैतिक नेतृत्व ।यही है प्रउत के नैतिक नेतृत्व की परिकल्पना।
    “प्रउत” का आर्थिक प्रजातंत्र एवं नैतिक नेतृत्व ही समाज की मांग है और अस्ति भांति आनंदम की प्राप्ति कर मानव जीवन को सत्यम शिवम सुंदरम में प्रतिष्ठित करना ही प्रउत का एकमात्र लक्ष्य है ।

     

     

    प्राथमिक से विश्वविद्यालय स्तर तक शिक्षा सबके लिए समान और निशुल्क हो एवं शिक्षा का माध्यम मातृभाषा हो शिक्षा शिक्षण संस्थानों, संस्थाओं का संचालन अराजनैतिक नैतिकवान एवं नव्य मानवतावादी शिक्षाविदों द्वारा गठित हो। शिक्षा परिषद द्वारा शिक्षा के बाद युवाओं को डिग्री या डिप्लोमा का सर्टिफिकेट नहीं बल्की योग्यता के आधार पर रोजगार की गारंटी हो। विदेशी बैंकों में जमा पूंजी देश में वापस लाकर स्थानीय कच्चे माल पर आधारित व्यापक औद्योगीकरण हो । रोजगार के अवसर का सृजन हो । कृषि को उद्योग का दर्जा प्राप्त हो। कृषि आधारित कृषि सहायक उद्योगों का संचालन स्थानीय सहकारी समितियों द्वारा हो । उद्योगों की व्यवस्था एवं आमदनी में श्रमिकों की भागीदारी हो एवं कार्यकाल घटाकर श्रमिकों के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त हो । काले धन पर रोक हेतु समस्त आयकर समाप्त हो एवं इसके बदले समस्त वस्तुओं के उत्पादन पर कर लागू हो
    । भोग विलासिता की वस्तुओं पर विशेष सेवा कर लागू हो।

    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Copy Link
    Previous Articleअभिषेक कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के ठेका मजदूरों द्वारा टाटा पावर गेट के समक्ष प्रदर्शन
    Next Article क्‍या लोकसभा चुनाव में भी मोदी-शाह के इर्द-गिर्द ही घूमती रहेगी देश की राजनीति ?

    Related Posts

    हाँ मैं पागल हो गया पापा

    May 21, 2025

    मेरा भारत महान?

    May 21, 2025

    भीतर के दुश्मनों के खिलाफ सख्ती-चौंकसी बढ़ानी होगी

    May 21, 2025

    Comments are closed.

    अभी-अभी

    हाँ मैं पागल हो गया पापा

    मेरा भारत महान?

    भीतर के दुश्मनों के खिलाफ सख्ती-चौंकसी बढ़ानी होगी

    राष्ट्रीय हित से जुड़े मामलों में सवाल उठाने के बजाय जिम्मेदारी समझना ज्यादा आवश्यक

    ’ए’ जोन की संगत ने निशान सिंह को दिया विजय का आशीर्वाद, कहा- निशान सिंह की सेवादारी पक्की

    भावनात्मक सशक्तिकरण और तनाव प्रबंधन विषय पर कार्यशाला आयोजित

    झारखंड में भाजपा ने आदिवासी परामर्शदातृ समिति (टीएसी) की बैठक का बहिष्कार करेगा

    मुसाबनी प्रखण्ड प्रमुख रामदेव हेंब्रम ने राखा _ कॉपर में हरे_ भरे 50 पेड़ों की कटाई का जताया विरोध

    झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति ने राजेश शुक्ल को कोल्हान विश्वविद्यालय के सीनेट का सदस्य बनाया

    प्रशासनिक बैठकों में विभागीय पदाधिकारी के अनुपस्थिति पर पंचायत समिति सदस्यों ने जताई नाराजगी

    Facebook X (Twitter) Telegram WhatsApp
    © 2025 News Samvad. Designed by Cryptonix Labs .

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.