धर्म के रक्षक, शांति पुंज, मानवता के पुजारी – श्री गुरु अर्जन देव जी का बलिदान युगों युगों तक देश प्रेम की प्रेरणा देता रहेगा:अमरप्रीत सिंह काले
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जो राष्ट्र अपने गुरुओं का- साधु संतों का बलिदान भूल जाता है, वह कभी गौरवशाली भविष्य नहीं गढ़ सकता
राष्ट्र संवाद संवाददाता
साकची काली माटी रोड पर श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज के पावन शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित मीठे जल एवं चने की छबील सेवा में सहभागिता की और संगत का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। यह सेवा साकची गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के पूर्व प्रधान एवं वरिष्ठ समाजसेवी सरदार सुरजीत सिंह जी (छीते पाजी), उनके परिवारजनों तथा स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से संपन्न हुई।
यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि गुरु अर्जन देव जी महाराज के उस अतुलनीय बलिदान की स्मृति है, जिसे उन्होंने देश और धर्म की मर्यादा और राष्ट्र की आत्मा की रक्षा के लिए सहर्ष स्वीकार किया। उन्होंने न केवल सिख पंथ को नेतृत्व प्रदान किया, बल्कि जुल्म के शासन के दौरान ग़लत को ग़लत कहते हुए सम्पूर्ण मानवता को सत्य, सहिष्णुता और साहस का मार्ग दिखाया।
श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज का बलिदान इस बात का प्रतीक है कि जब भी धर्म, सत्य और राष्ट्र पर संकट आता है, संत और महापुरुष अपने प्राणों की आहुति देकर भी मानवता की रक्षा करते हैं।
आज जब राष्ट्र अनेक प्रकार की चुनौतियों से जूझ रहा है , सांस्कृतिक मूल्यों पर प्रहार, सामाजिक विषमता और मानसिक भ्रम , ऐसे समय में गुरु अर्जन देव जी जैसे ब्रह्मज्ञानी संतों के बलिदान को स्मरण करना नितांत आवश्यक है।
काले ने कहा की जो राष्ट्र अपने गुरुओं का बलिदान भूल जाता है, वह कभी गौरवशाली भविष्य नहीं गढ़ सकता,
यह समय है जब हम अपने युवा पीढ़ी को यह समझाएँ कि राष्ट्र और धर्म की रक्षा केवल सीमाओं पर नहीं, विचारों और मूल्यों की रक्षा से भी होती है।
आइए, इस शहीदी दिवस पर हम सभी मिलकर ऐसे संतों के बलिदान को नमन करें और उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात कर राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएँ।