प्रधानमंत्री मोदी ने असम में चार बायो-गैस संयंत्र की आधारशिला रखी
गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम में ‘ऑयल इंडिया लिमिटेड’ द्वारा चार संपीड़ित बायो-गैस (सीबीजी) संयंत्र के निर्माण के लिए बुधवार को आधारशिला रखी।
यह कार्यक्रम देशभर में सीबीजी के कई संयंत्रों के लिए नींव रखने के समारोह का हिस्सा था, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने नयी दिल्ली से डिजिटल माध्यम से की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छ भारत दिवस के मौके पर एक सतत और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा परिदृश्य को बढ़ावा देना है।
असम में ये संयंत्र गुवाहाटी, जोरहाट, शिवसागर और तिनसुकिया में बनाए जाएंगे।
मोदी ने परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद अपने भाषण में कहा, ‘‘गाय का गोबर हमारे गांवों में बदलाव ला रहा है। भारत के गांवों में अब सैकड़ों बायोगैस संयंत्र बनाए जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि पहले गाय के गोबर का प्रबंधन करना ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब था तथा अगर गाय या बैल अधिक उम्र के कारण या किसी अन्य कारण से अनुत्पादक हो जाएं तो और भी बड़ी समस्या खड़ी हो जाती थी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन अब इन बायोगैस संयंत्रों के कारण अनुत्पादक गोवंश का गोबर भी हमारे किसानों की मदद कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शहरीकरण के कारण अपशिष्ट उत्पादन बढ़ रहा है। ई-कचरा जैसे कचरे के नए रूप भी बढ़ रहे हैं। इस समय, हमें इस समस्या के समाधान के लिए नई तकनीकों की आवश्यकता है।’’
मोदी ने कहा कि भविष्य में मकान निर्माण में पुनर्चक्रण को शामिल किया जाना चाहिए और नए आवासीय परिसरों को इस तरह से बनाया जाना चाहिए कि कम से कम कचरा उत्पन्न हो।
ऑयल इंडिया लिमिटेड ने एक बयान में कहा कि कंपनी की पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ मिलकर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) में निवेश या निजी उद्यमियों के साथ साझेदारी के जरिए 2024-25 तक 25 सीबीजी संयंत्र स्थापित करने की योजना है।
ऑयल ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे भारत स्वच्छ ऊर्जा में अग्रणी बनने के अपने दृष्टिकोण की ओर आगे बढ़ रहा है, इन सीबीजी संयंत्रों की स्थापना एक हरित और अधिक लचीले भविष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
आगामी सीबीजी संयंत्रों के बारे में कंपनी ने कहा, ‘‘प्रत्येक संयंत्र हर दिन आसपास की नगरपालिकाओं से 125 टन नगरीय ठोस कचरे को शोधन करने में सक्षम है। इससे यह कचरा हर दिन करीब दो टन सीबीजी में परिवर्तित होगा।’’
उसने कहा कि उत्पादित बायोगैस को निकटतम उपलब्ध शहर गैस वितरण नेटवर्क में एकीकृत किया जा सकता है या सीधे सीएनजी खुदरा विक्रेताओं को आपूर्ति की जा सकती है।
कंपनी ने कहा कि इन संयंत्रों से स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और इन क्षेत्रों में जीवन के स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी।