राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर : दलमा बुरु सेंदरा दिसुआ समिति के आह्वाहन पर सोमवार को दलमा में आदिवासी समाज के लोगों ने सेंदरा पर्व मनाया गया. झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल और ओड़िशा से सैकड़ों की संख्या में आए सेंदरा वीर पारंपरिक हथियार तीर-धनुष, भाला, तलवार आदि लेकर दलमा पहाड़ी पर चढ़ाई की। शिकारी अलग-अलग टुकड़ियों में बंट दिन भर जंगल में घूमते रहे। हालांकि किसी जानवर का शिकार नहीं हुआ। इधर, दलमा में जंगली जानवरों का शिकार ना हो इसके लिए वन विभाग की टीम जंगलों में गश्ती करती रही। जहां शिकारी मिले उन्हें समझा-बुझा कर वापस भेजा गया। मुख्य वन संरक्षक एसअार नटेश के अलावा कई जिलों के डीएफओ और रेंजर दलमा में तैनात रहे। दिन भर जंगलों में गस्ती की। सेंदरा मे शामिल हुए लोगों ने बताया कि हमनें सांकेतिक रुप से सेंदरा मनाया। किसी भी जंगली जानवर का शिकार नहीं किया गया। परंपरा निभाने के लिए समाज के लोग पारंपरिक हथियार के साथ दलमा के जंगलों में घूमे। कहा कि सभी शिकारी शिकार से सकुशल वापस लौट अाए हैं। किसी भी शिकारी के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई है। कई जगहों पर वन विभाग ने शिकारियों को रोका।
वहीं वन विभाग के अधिकारियो ने कहा की दलमा में कहीं भी जंगली जानवरों का शिकार नहीं हुआ । जहां भी शिकारी मिले उन्हें समझाबुझा कर वापस भेजा गया। आदिवासी समाज के लोगों ने सांकेतिक रुप से सेंदरा मनाया। पारंपरिक हथियार के साथ अपनी परंपरा का निर्वाह किया। जागरुकता के कारण इस बार काफी कम संख्या में शिकारी दलमा पहुंचे।