विवेक कुमार यादव की रिपोर्ट
सुपौल :जिले के त्रिवेणीगज प्रखंड लागातार चर्चा में है.यहा के पुर्व ग्रामीण विकास पदाधिकारी शैलेश कैशरी निगरानी विभाग के द्वारा दबोचा गए हैं। डेर साल पुर्व पैसे की लेनदेन का वीडियो वायरल होनो से वर्तमान महिला बीडीओ पर कार्यवाई हुई है.इतना होने के बाद भी यह प्रथा दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है. हैरानी की बात यह है कि परीक्ष्यमान बीडीओ निगम झा को प्रतिनियुक्त किया गया था, जिसको नियम कानून का भी कोई पता नहीं है.बिचौलिया योजना माफिया के संरक्षक में नामित बीडीओ नियंत्रण कानून के विरुद्ध कार्य करते थे, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ा न्याय के लिए लोग लगातार जिला अधिकारी के पास अपनी परियाद लेकर पहुंचते रहे, खास बात यह रही कि त्रिवेणीगंज प्रखंड में स्वच्छता पर्यवेक्षक की बहाली में जो धांधली हुई वह किसी से छुपा नहीं है,जिसका खबर प्रमुखता से लगातार प्रकाशित किया गया,
यहा से निवर्तमान परीक्ष्यमान बीडीओ निगम झा की तबदला होने बाद, त्रिवेणीगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में पंकज कुमार को पदस्थापित किया गया, बीडीओ पंकज कुमार आते ही एक और चर्चा बढ़ा दी है. दलाल बिचौलिया की इतनी गठजोड़ हो गई है की गई की साहब नियम कानून भुल गए, जातीय भेदभाव भी शुरू कर दिया है, उसमें अहम भूमिका उनके स्टॉप सरोज कुमार झा निभाते हैं,
क्या है मामला,
2018 में मुख्यमंत्री परिवहन योजना से वाहन ली गई थी गाड़ी में व्यावसायिक नंबर नहीं लगाके नीजी नंबर लगा दिया था , उस समय उसी योजना से तीन गाड़ी खरीदी गई. सभी में लोग निजी नंबर लगाया गया, त्रिवेणीगंज की अगर हम बात करें तो उसी योजना से ली गई गाड़ी लगभग सैकड़ों गाड़ी में नीजी नंबर चल रही है,
नए बीडीओ का नए फरमान जारी,
इसी बीच प्रखंड कार्यालय में नए पदस्थापित बीडीओ पंकज कुमार द्वारा दिनांक 8/8/ 2023 को एक पत्र जारी हुआ, पत्र बीडीओ ने जदिया थाने को भेजा, उसमें लिखा कि आदेश के अनुपालन में इस कार्यालय से दिनांक 8 /7 /23 को प्रखंड नजारत में 15 दिनों के अंदर अनुदान की राशि एक लाख जमा करने का निर्देश दिया गया था परंतु इसके द्वारा राशि का आज तक जमा नहीं किया गया है, एवं उक्त राशि असुलनीय है. पत्र के आलोक में जदिया थाना ने 10/8/23 को कांड संख्या 214 /23 दर्ज कर ली,
क्या करते हैं पीड़ित
बताया कि 15/ 8/ 23को मुझे मालूम हुआ की हम पर बीडीओ केस कर दिया है. तो सीधा हमने प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात की उनके द्वारा बताया गया कि पैसा रिकवरी का आपको नोटिस थाने के द्वारा भेजा गया था, आप अनुदान की राशि नहीं जमा किए, इसलिए आप पर कार्यवाई की गई है, अब आपको दौगुना पैसा जमा करना पड़ेगा नहीं तो जेल जाना पड़ेगा, हमने पूछा किस बात की बताया ऊपर का आदेश है,
बिना नोटिस के कराई कार्यवाई,
पीड़ित के द्वारा बताया गया कि मुझे थाने से कोई नोटिस नहीं मिला अल्पसंख्यक समुदाय होने के नाते मुझे फसाया जा रहा है, निवर्तमान बीडीओ निगम झा के खिलाफ हमने अवाज उठाया था, मामले को लेकर बीडीओ पंकज कुमार से पूछा उन्होंने बताया कि अनुदान की राशि वसूली के लिए थाने के द्वारा को नोटिस भेजा था, अब थाना वाला नहीं दिया तो हम किया करे, पीड़ित ने डीएम और एसपी सुपौल से अपील की है कि इस कांड संख्या 214/23 की जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए इस केस को रद्द किया जाए।
अब सवाल जिला अधिकारी से है
डीएम साहब है, बीडीओ कहते हैं कार्यवाई करने से पहले थाने के द्वारा नोटिस भेजा गया था,
तों फिर थाने के द्वारा कीन कारणों से नोटिस नहीं भेजा गया, आखिर इसमें कौन है गुनहगार,, ऐसे बीडीओ से लोगों को न्याय मिल पाएगी, क्या ऐसी अधिकारी पर कार्यवाई नहीं होनी चाहिए,, क्या उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री परिवहन योजना से ली गई वाहनों में व्यवसायिक नंबर लगाने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए,, किन परिस्थितियों में प्रखंड बीडीओ नियम को ताखपर रखकर कार्यवाई करने का आदेश दिया,, अब देखने वाली बात होगी इन तथाकथित बीडीओ पर कब तक कार्यवाई होती है,,