ऐतिहासिक फैसला पटना उच्च न्यायालय की जांच सीबीआई के हवाले
पटना हाइकोर्ट ऑफिस की जांच करेगी सीबीआई, उच्च न्यायालय के इतिहास में पहली बार हाई कोर्ट ऑफिस के कार्यकलापोंं की जांच सीबीआई करेगी । यह मामला हाईकोर्ट में केस दायर होने के बाद स्टाम्प रिपोर्टिंग के नाम पर की जा रही अनियमितता और भेदभाव से संबंधित है। सीबीआई इसके अलावा रजिस्ट्री ऑफिस के अन्य कार्यकलापों को भी जांचेगी । कोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच कर अगले वर्ष 6 जनवरी को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है ।
न्यायमूर्ति राकेश कुमार तथा न्यायमूर्ति अंजनी कुमार शरण की खंडपीठ ने सहदेव शाह की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को यह आदेश दिया। कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि ‘एक्साइज एक्ट के मामलों की स्टाम्प रिपोर्टिंग एक दिन में हो जाती है, बाकी में बहुत देर होती है।’इस मामले में 22 अक्टूबर को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होते हुए जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा। अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।
हाईकोर्ट में क्या है रजिस्ट्री की भूमिका व काम यहां याचिकाओं के दायर होने से लेकर सुनवाई की लिस्टिंग तक का काम होता है। सबसे पहले कोई भी अर्जी, सेंट्रलाइज फाइलिंग काउंटर में आती है। फिर जो याचिका जिस मामले से ताल्लुक रखती है, मसलन-सिविल,क्रिमिनल,रिट,आदि की शाखा में स्टाम्प रिपोर्टिंग के लिए भेजा जाता है। सुनवाई के लिए बेंच की लिस्टिंग रजिस्ट्री करती है। नोटिस करने का आदेश भी तामिल कराती है।
क्या है स्टाम्प रिपोर्टिंग :- याचिकाएं, रूल्स के मुताबिक हैं, पर्याप्त कोर्ट फीस दी या नहीं, इसकी जांच होती है। गलती दूर करने को 21 दिन देते हैं। फिर लिस्टिंग