मुकेश मित्तल
अध्यक्ष, पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन एवं पूर्व उपाध्यक्ष, सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में स्थित बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हमला पिछले एक दशक में जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर हुआ सबसे भीषण हमला माना जा रहा है। 
हमला और उसकी भयावहता
हमला दोपहर करीब 2:50 बजे हुआ, जब चार से छह आतंकवादी सैन्य वर्दी में बैसारन घाटी में पहुंचे। उन्होंने खुद को सुरक्षाकर्मी बताते हुए पर्यटकों से उनके नाम पूछे और फिर अचानक अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने विशेष रूप से गैर-मुस्लिमों को निशाना बनाया, उनसे कलमा पढ़ने को कहा और पहचान की पुष्टि के लिए शारीरिक जांच की। जो लोग उनकी कसौटी पर खरे नहीं उतरे, उन्हें बेरहमी से गोली मार दी गई।
पीड़ितों की पहचान और सहायता
इस हमले में अधिकांश पीड़ित भारतीय नागरिक थे, जिनमें से हिंदू नागरिक ही टारगेट थे, परंतु आतंकवादियों के शिकार कुछ विदेशी सैलानी एवं राजस्थान के जयपुर निवासी सन्नी खान और उनकी पत्नी फराह खान भी शामिल हैं। सन्नी खान की एक आंख चली गई है और फराह खान की हालत गंभीर बनी हुई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दंपति को मुख्यमंत्री सहायता कोष से दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है और उनके इलाज के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। 
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी हमले को जघन्य अपराध बताया और कहा कि आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे कायरता की चरम सीमा बताया। विपक्षी नेताओं ने भी इस हमले की निंदा की है और सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की है। 
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की व्यापक निंदा हुई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य विश्व नेताओं ने इस हमले को मानवता के खिलाफ अपराध बताया और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।
सुरक्षा व्यवस्था और जांच
हमले के तुरंत बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी समूह है। हमले के पीछे का मकसद क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन के खिलाफ विरोध जताना बताया गया है।
पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब सरकार जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। इस हमले ने न केवल पर्यटकों में भय का माहौल पैदा किया है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला है। स्थानीय व्यवसाय, होटल और गाइड्स, जो पर्यटन पर निर्भर हैं, अब भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं।
निष्कर्ष
पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला न केवल निर्दोष नागरिकों की हत्या है, बल्कि यह हमारे देश की एकता, अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द पर भी हमला है। हमें एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे कायराना हमलों को अंजाम देने वाले आतंकियों को सख्त से सख्त सजा मिले। साथ ही, हमें अपने सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करना होगा ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके।
हम इस हमले में मारे गए सभी निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि घायल शीघ्र स्वस्थ हों और हमारे देश में फिर से शांति और सौहार्द स्थापित हो।