बरौनी ,बेगूसराय :दिनकर स्पोर्टिंग क्लब एवं दिनकर पुस्तकालय, सिमरिया के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मानव जीवन में खेल का महत्व विषयक विचार गोष्ठी राजकीय कृत मध्य विद्यालय, सिमरिया में आयोजित की गई। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पुस्तकालय के अध्यक्ष विश्वंभर सिंह ने कहा कि शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ खेल की योग्यता का भी विकास होना जरूरी है। बहुत सारे आदर्श खिलाड़ी हैं, जिनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है। मेजर ध्यानचंद उन सबमें श्रेष्ठ हैं।गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता अशोका क्रिकेट अकादमी के अध्यक्ष ललन लालित्य ने कहा कि मानव जीवन भी एक खेल की तरह ही है। खेल में भी और जीवन में भी सफलता और असफलता की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। सिमरिया को साहित्य से जाना जाता है। साहित्य से मन और खेल से तन स्वस्थ होता है। उन्होंने कहा कि खेल में राष्ट्रीय स्तर पर जाने के लिए कठिन परिश्रम करना होगा। पूर्व प्रधानाध्यापक विजय कुमार चौधरी ने कहा कि खेल जीवन का एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। खेल आज करियर भी प्रदान करता है। सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण देव कुमार ने मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग की। शिक्षक बद्री प्रसाद राय ने कहा कि खेल अनुशासन सिखाता है। यह मनुष्य को चरित्रवान और स्वस्थ बनाता है। पूर्व मुखिया कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा कि निरंतर अभ्यास से ही खिलाड़ियों में खेल कौशल का विकास होता है। राजेंद्र राय नेताजी ने खिलाड़ियों को भरोसा दिलाया कि सिमरिया में खेल मैदान की व्यवस्था की जाएगी। मानव जीवन में खेल के महत्व के बारे में विनोद बिहारी, शिवराम सिंह विपुल, जयकांत राय, राजन कुमार ने भी खिलाड़ियों को बताया। मौके पर मनीष कुमार, सोनू कुमार, अमन गौतम, गुलशन कुमार, प्रियव्रत, संजीव कुमार, दीपक कुमार सहित वॉलीबॉल और कबड्डी के खिलाड़ी मौजूद थे।