रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन में बौद्धिक संपदा अधिकार और समय प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन।
उक्त बातें डॉक्टर करूणाकर पात्रा जी ने रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन और रंभा कॉलेज के फैकल्टी और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा ।
आज रंभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन और रंभा कॉलेज में “बौद्धिक संपदा अधिकार” और “समय प्रबंधन” के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें रिसोर्स पर्सन के रूप में राउरकेला इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के डायरेक्टर डॉ करूणाकर पात्रा जी का आगमन हुआ ।
दीप प्रज्वलित कर और मां सरस्वती की वंदना कर कार्यशाला का आरंभ किया गया।
स्वागत भाषण महाविद्यालय के सचिव गौरव कुमार बचन ने दिया।
छात्राओं ने स्वागत गीत और नृत्य भी प्रस्तुत किया।
महाविद्यालय के चेयरमैन रामबचन जी की ओर से डॉक्टर करूणाकर पात्रा जी को पुष्पगुच्छ, उत्तरीय, प्रतीक चिन्ह और दैनंदिनी देकर उनका अभिनंदन किया गया।
समय प्रबंधन पर बोलते हुए डॉक्टर करूणाकर पात्रा ने कहा कि समय सिखाता है कि जीवन का कैसे सदुपयोग करना है और जीवन सिखाता है कि समय का कैसे सदुपयोग करना है, सफलता इन दो बातों पर निर्भर करती है।
बौद्धिक संपदा अधिकार पर उनका वक्तव्य था कि हर शिक्षक को चाहिए कि वह अपनी बौद्धिकता को अपडेट करते रहे। इसका संवर्धन और संरक्षण करना भी जरूरी है। यह ध्यान रहे कि हम किसी की बौद्धिक संपदा का नकल नहीं करें। अगर ऐसा किया जाता है तो इसके लिए कानूनी एक्ट भी बने हुए हैं।
इस कार्यशाला के दौरान महाविद्यालय मैनेजमेंट की तरफ से टीचिंग और नॉन टीचिंग फैकेल्टी मेंबर्स को प्रमाण पत्र और प्रतीक चिन्ह दिया गया।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डिग्री कॉलेज की प्राचार्या डॉ कल्याणी कबीर ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए जरूरी है कि हम सभी शिक्षक भी हमेशा एक विद्यार्थी की तरह नयी चीजों को सीखने के आग्रही रहें । कार्यशाला में बी एड कॉलेज के प्राचार्य डॉ संतोष कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर भूपेश, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सतीश , असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर दिनेश , डॉक्टर रेखा यादव, प्रोफेसर रविन्द्र प्रताप , प्रोफेसर योगेश सिंह, प्रोफेसर शिव प्रकाश पटेल की भी उपस्थिति रही। कार्यशाला की कोआर्डिनेटर असिस्टेंट प्रोफेसर गंगा भोला और शीतल कुमारी थीं।