झारखंड : टेरर फंडिंग मामले में सुस्त पड़ी एनआईए की चाल, अधिवक्ता राजीव कुमार को पैसों के साथ पकड़वाने में भी आया एक आरोपी सोनू अग्रवाल का नाम
एनआईए की ओर से चार्जशीट दायर किये जाने के बाद महेश अग्रवाल ने हाईकोर्ट में क्वैशिंग याचिका दायर की. क्वैशिंग याचिका खारिज होने पर महेश अग्रवाल ने एनआइए कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. इसके बाद एनआईए ने उनकी गिरफ्तारी की थी. टेरर फंडिंग का यह मामला चतरा जिले के टंडवा थाना में दर्ज कांड संख्या 22/2018 से जुड़ा हुआ है. इसकी जांच NIA कर रही है. पहले इस केस में आधुनिक पावर के जीएम संजय कुमार जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह, सुभान मियां, बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू, प्रदीप राम, विनोद गंझू तथा अजय सिंह भोक्ता समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया गया था. एनआईए ने जांच के बाद मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से टेरर फंडिंग मामले में आधुनिक कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी महेश अग्रवाल, बीकेबी ट्रांस्पोर्ट कंपनी के विनीत अग्रवाल और दुर्गापुर के कारोबारी सोनू अग्रवाल के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की थी.
टेरर फंडिंग मामले में जांच एजेंसी के इस खुलासे से झारखंड में हड़कंप मच गया था और ऐसा लग रहा था कि एनआईए झारखंड में नक्सलवाद का वित्त पोषण करनेवालों का खुलासा कर इसकी आर्थिक कमर तोड़ देगी, लेकिन चार साल बीतने के बाद भी इस मामले में एनआईए की प्रगति कुछ खास नहीं रही है. इधर आरोपी बनाये गये लोग जमानत लेकर पहले की तरह अपने कारोबार में जुट गये हैं.