NGT ने संगम के पानी की गुणवत्ता पर UP सरकार को लगाई फटकार, जानें महाकुंभ में पानी नहाने लायक है ?
नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रयागराज में गंगा और यमुना के पानी की गुणवत्ता पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर असंतोष जताया है. एनजीटी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि ये यूपी सरकार की जिम्मेदारी है कि नदी का पानी साफ रहे. एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर कार्रवाई करे. इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.
सुनवाई के दौरान यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को भरोसा दिलाया कि वो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर कार्रवाई करेगा. साथ ही गंगा यमुना में पानी की गुणवत्ता को लेकर एक हफ्ते में ताजा रिपोर्ट दाखिल करेगा. एनजीटी ने यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट पर यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ये रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के समय के पहले की है. आपने कोई नई रिपोर्ट दाखिल नहीं की है, क्योंकि यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जो रिपोर्ट है वो 12 जनवरी की है. जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट उसके बाद की है. इसके अलावा, रिपोर्ट में पानी की गुणवत्ता से जुड़े सारे मापदंडों का भी जिक्र नहीं है.
एनजीटी ने कहा कि इस मामले में यूपी सरकार ने लंबा चौड़ा जवाब दाखिल किया है. लेकिन कहीं भी अपशिष्ट जल से प्रदूषित बताने वाले फेकल कोलीफॉर्म का जिक्र नहीं है. क्या आपने हमारा समय बर्बाद करने के लिए यह रिपोर्ट दर्ज की. एनजीटी ने कहा कि अगर प्वाइंट के हिसाब से नदी के पानी की गुणवत्ता नहीं बताई जा सकती है और एक किलोंमीटर में अगर प्रदूषण नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं है कि पूरी नदी प्रदूषित नहीं है. एनजीटी ने इस बात पर नाराजगी जताई कि जहां से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा यमुना के पानी का सैंपल लिया वहां पानी प्रदूषित था. लेकिन यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा यमुना में जहां से सैंपल लिया वहां पानी साफ था.
बता दें कि यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट को झूठला दिया. एनजीटी में दायर रिपोर्ट में यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि संगम का पानी नहाने के लिए पूरी तरह उपयुक्त है. यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि नालों के माध्यम से कोई भी प्रदूषित सीवेज सीधे गंगा नदी या यमुना नदी में नहीं छोड़ा जा रहा है. प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी पर 6 पॉइंटस पर नदी के पानी नहाने के लिए उपयुक्त है. शास्त्री ब्रिज के पास बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड और फिकल कॉलीफॉर्म के आंकड़ों में मामूली वृद्धि हुई है. बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि प्रयागराज में संगम का पानी नहाने के लिए उपयुक्त नहीं है.