झीमडी धर्मांतरण विवाद: तीन हफ्तों बाद भी तनाव बरकरार, ग्रामीणों का प्रशासन पर तुष्टिकरण का आरोप
राष्ट्र संवाद संवाददाता
चांडिल झीमडी गांव में कथित धर्मांतरण और निकाह विवाद के बाद हालात अब भी तनावपूर्ण हैं। घटना को तीन सप्ताह बीत जाने के बावजूद ग्रामीणों का आक्रोश कम नहीं हुआ है। गांव में सन्नाटा पसरा है और बड़ी संख्या में लोग पलायन कर चुके हैं।
पुलिस प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई और तानाशाही रवैये से नाराज ग्रामीणों ने राशन डीलरों रकीब साईं और मंजू साईं का सामूहिक बहिष्कार कर दिया है। आरोप है कि प्रशासन ने तुष्टिकरण की नीति अपनाते हुए 28 नामजद और 100 अज्ञात ग्रामीणों पर केस दर्ज किया, जबकि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की गई।
हालात काबू में रखने के लिए 27 अप्रैल से निषेधाज्ञा धारा 163 लागू है, जो 26 मई तक प्रभावी रहेगी, लेकिन इसके बावजूद दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।
बीजेपी नेता मकर चंद्र महतो समेत पंचायत प्रतिनिधियों ने राशन बहिष्कार संबंधी पत्र बीडीओ को सौंपा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती और प्रशासन की कार्यशैली में बदलाव नहीं आता, उनका विरोध जारी रहेगा।