जामताड़ा के बिरगांव में अब भी लोग नाव से सफर करने को मजबूर, 2022 की दर्दनाक घटना के बाद भी नहीं मिली सुरक्षा
राष्ट्र संवाद संवाददाता: सिराज अंसारी जामताड़ा
जामताड़ा प्रखंड के बिरगांव में अभी भी लोग बरबेंदिया, निरसा जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं। 24 फरवरी 2022 को इसी मार्ग में एक बड़ा नाव हादसा हुआ था, जिसमें कुल 19 लोग सवार थे और 14 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद आज तक नाव संचालन में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। 10 मार्च 2024 को पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन द्वारा इस रास्ते पर एक नए पुल का शिलान्यास किया गया था, जिसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यह पुल बन जाने के बाद लोगों को नाव पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और उनके सफर को सुरक्षित बनाया जा सकेगा। *सेफ्टी के नाम पर अब भी लापरवाही*
सबसे दुखद पहलू यह है कि नाव संचालकों और यात्रियों द्वारा सुरक्षा के प्रति कोई जागरूकता नहीं दिखाई जा रही है। हादसे के बावजूद नाव में सवार लोग बिना सेफ्टी जैकेट या अन्य किसी सुरक्षा उपाय के यात्रा कर रहे हैं। प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे इस विषय पर ध्यान दें और नाव संचालकों को सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए निर्देशित करें, ताकि भविष्य में किसी और बड़ी दुर्घटना से बचा जा सके। स्थानीय लोगों की मांग बिरगांव के ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पुल निर्माण पूरा नहीं होता, प्रशासन को नाव यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। लोगों की मांग है कि नाव पर लाइफ जैकेट और सुरक्षा उपकरण अनिवार्य किए जाएं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।