जामताड़ा में मदरसा जामिया मिस्बाह लील बनात का भव्य सालाना कार्यक्रम, छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत की धार्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
मदरसा जामिया मिस्बाह लील बनात में बालिका शिक्षा और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित हुआ ऐतिहासिक कार्यक्रम
जामताड़ा समीम अंसारी
जामताड़ा जिले के प्रसिद्ध मदरसा जामिया मिस्बाह लील बनात पत्थरचपड़ा में रविवार एक भव्य सालाना कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें इलाके के हजारों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना मोबिन कासमी ने किया। इस अवसर पर मदरसे के छात्रों द्वारा विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में शहर के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरु, समाजसेवी, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मदरसा के प्रमुख उस्ताद हाफिज मोहम्मद शमीम ने तिलावत-ए-कुरान से की, जिसके बाद बच्चों और युवाओं ने नात-ए-पाक और इस्लामी गीतों की प्रस्तुतियाँ दीं। मदरसे के छात्रों ने इस आयोजन में अपनी अद्भुत कला और कौशल का प्रदर्शन किया, जिसे उपस्थित दर्शकों ने बहुत सराहा।मदरसा के संस्थापक एवं संयोजक मोहम्मद नाजिर ने अपने संबोधन में इस आयोजन के महत्व को बताते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल धार्मिक शिक्षा को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को भी मजबूत करते हैं। उन्होंने मदरसे के छात्रों को उनके अच्छे कामों के लिए सराहा और उन्हें आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। इस दौरान एडवर्ड इंग्लिश स्कूल के हिन्दी शिक्षक डॉक्टर रहमतुल्लाह रहमत ने मदरसा प्रबंधन एवं विद्यालय की स्थापना, मेहनत और संघर्ष के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मदरसा में न केवल धार्मिक शिक्षा दी जाती है, बल्कि छात्रों को आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है, ताकि वे समाज में एक सकारात्मक योगदान दे सकें। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के प्रतिनिधि मोहम्मद अजहरुद्दीन ने मदरसा में बालिका शिक्षा एवं प्रस्तुत कार्यक्रम को सराहनीय कार्य बताया। उन्होंने कहा कि मदरसा में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए सरकारी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। कार्यक्रम के अंत में मदरसा के छात्रों ने विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया, जिससे उनका उत्साह और जोश देखने लायक था। कार्यक्रम का समापन एक दुआ के साथ हुआ, जिसमें सभी ने देश और समाज की खुशहाली, शांति और समृद्धि के लिए दुआ की। इस आयोजन ने स्थानीय समुदाय के बीच एकता और सहयोग की भावना को और मजबूत किया और यह साबित कर दिया कि समाज में शिक्षा का महत्व जितना बढ़ रहा है, उतना ही सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का भी समृद्धि में योगदान है। मदरसा के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं द्वारा छात्रों को उनके मेहनत और लगन के लिए जमात ए इस्लामी हिन्द जिला अध्यक्ष मोहम्मद सिराजुद्दीन ने 6 अनाथ बालिकाओं और चार शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि बालिकाओं को मदरसा में दिनी और दुनियावी तालीम देना एक अच्छी पहल है। दिसावर पर मदरसा के छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया, जिससे उनका उत्साह और जोश देखने लायक था। सालाना कार्यक्रम का समापन दुआ के साथ हुआ जिसमें सभी ने देश और समाज की खुशहाली शांति और समृद्धि के लिए दुआ की। इस आयोजन ने स्थानीय समुदाय के बीच एकता और सहयोग की भावना को और मजबूत किया। कार्यक्रम के आयोजन में मदरसा के प्रशासन शिक्षकों और छात्रों का विशेष योगदान रहा। जिन्होंने इसे सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। कार्यक्रम के आयोजन को लेकर स्थानीय लोग बहुत खुश दिखे और इसे एक ऐतिहासिक रूप में देखा। मदरसा की ओर से इस कार्यक्रम के आयोजन ने समाज में शिक्षा का महत्व जितना बढ़ रहा है उतना ही सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का भी समृद्धि में योगदान है। इस मौके पर मौलाना अजीमुद्दीन, कौरेश अंसारी, मौलाना जलालुद्दीन, इम्तियाज अंसारी, मुख्तार अंसारी,मौलाना इमरान, मोहम्मद रफीक अंसारी, आरिफ हुसैन, सद्दाम हुसैन , मदरसा के प्रिंसिपल अनीसा नाज, शिक्षिका नुसरत जहां,आमना खातून सहित सैकड़ों अभिभावक एवं छात्राएं मौजूद थे। कार्यक्रम संचालन मौलाना अजीमुद्दीन ने किया। मौलाना मोबिन कासमी ने दुआ करके कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।