दुआ के साथ इज्तिमा का समापन जमातों के लौटने का सिलसिला शुरू
जयराम कुमार दास।राष्ट्र संवाद
महागामा/गोड्डा: महागामा प्रखंड के स्थित भांजपुर में तीन दिवसीय आलमी तब्लीगी इज्तिमा का रविवार को समापन हो गया। आखिरी दिन झारखंड बिहार बंगाल से आए लाखों लोगों ने हाथ उठाकर खुदा से अमनो-अमान की दुआ मांगी। प्रशासन का अनुमान है कि आखिरी दिन यहां करीब दो लाख श्रद्धालु पहुंचे। इसी के साथ यहां से जमातों की रवानगी का सिलसिला शुरू हुआ, जो शोमवार तक जारी रहेगा।
सामूहिक दुआ में शामिल होने के लिए लाखों धर्मावलंबियों की भीड़ के बीच आलम यह था कि जिसे जहां जगह मिली, उसने वहीं खड़े रह कर नमाज अता की और दुआ पढ़ी। दुआ से पहले अपने बयान में मौलाना साद सहाब ने कहा कि अपने ईमान को कायम रखो। यकीन डगमगाने पर ही मुश्किलें बढ़ती हैं। जिंदगी गफलत में न गुजारें। इज्तिमा का मकसद लोगों को मजहब और इल्म की राह पर ले जाने का है। मौलाना साद साहब ने कहा कि दुआ सिर्फ अपने लिए नहीं, दुनिया के हर एक इंसान की बेहतरी के लिए करनी चाहिए।
ट्रैफिक बाधित: रविवार तड़के से ही इज्तिमा स्थल पर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। सुबह 11 बजे तक इज्तिमा स्थल पूरी तरह भर चुका था। हजारों लोग तो इज्तिमा स्थल पर प्रवेश ही नहीं कर पाए। ग्रामीण और नौजवानों ने नौ बजे के बाद इज्तिमा स्थल से डेढ़ किलोमीटर पहले से ही वाहनों का प्रवेश रोक दिया था।
करीब साढ़े 11 बजे दुआ समाप्त होने के बाद जब लोगों ने लौटना शुरू किया तो करीब एक घंटा तक तो पैदल चल रहे लोगों की ही भीड़ से सड़कें पटी रहीं। इसके बाद जब वाहनों को छोड़ा गया तो लोगों को चलने के लिए सड़कों पर भी जगह नहीं बची और उन्हें खेतों में से होकर गुजरना पड़ा। इज्तिमा के खत्म होने के आधा घंटे बाद ही यह स्थिति थी कि गाव की ओर आने वाले सभी रास्तों पर यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। ग्रामीणो ने पहले दो पहिया वाहनों को निकालने का मौका दिया। यह व्यवस्था कुछ देर ही कायम रह सकी और इसके बाद कार-जीप और निकलना भी शुरू हो गया। इस कारण कई स्थानों पर काफी देर तक यातायात अवरुद्ध रहा।
इज्तिमा कमेटी के कार्यकर्ता सड़कों पर खड़े रह कर जाम में फंसी वाहनों को निकलवाने में मदद कर रहे थे। पैदल चलने वालों की भी इतनी बड़ी तादात थी कि सड़कों पर से वाहनों का निकलना मुश्किल हो रहा था। इस कारण खोरद भांजपुर तक की सड़क पर वाहनों की कतारें लगी रहीं। दोपहर दो बजे करोंद, और हनवारा महागामा तक जाने वाले रास्तों पर वाहन रेंग रहे थे।
सड़कों पर चलने के लिए जगह न बचने के कारण हजारों लोग कच्चे रास्तों और खेतों से होकर निकले। पहुंचने में लोगों को डेढ़ से दो घंटे तक का वक्त लगा