नीतीश कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले, एक दंडाअधिकारी सहित तीन चिकित्सकों पर गिरी गाज
राष्ट्र संवाद संवाददाता
बिहार:नीतीश कुमार की कैबिनेट की बैठक में शिक्षकों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. बिहार सरकार ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली को स्वीकृति दे दी है. इस नियमावली के संशोधन के बाद विशिष्ट शिक्षकों के सक्षमता परीक्षा, अनुशासनिक कार्रवाई, अपील एवं पुनरीक्षण से संबंधित नियमों के संशोधन से बेहतर सेवा शर्त उपलब्ध हो सकेगा. कैबिनेट सचिवालय के अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ ने बताया कि अब तीन की जगह पांच बार साक्षमता परीक्षा ली जाएगी। पास होने के बाद जो शिक्षक जहां पढ़ा रहे हैं वहीं योगदान देंगे। प्रमाण जांच, सेवा संपुष्टि होने पर वेतन देय होगा। कार्यकाल के दौरान तबादला हो सकता है। इसके साथ साथ ही स्थानीय राजनीति में शामिल रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ एक्शन हो सकता है। अगर शिक्षक लोकल पॉलीटिक्स में संलिप्त पाए जाते हैं तो उनको पहले 3 दिन का सख्त अल्टीमेटम दिया जाएगा। डीएम के स्तर से राजनीति करने वाले शिक्षकों को दूसरे ब्लॉक में स्थानांतरित किया जायेगा. इसके पहले नोटिस देकर तीन दिनों में जवाब मांगा जायेगा. स्कूल में राजनीति करने वाले शिक्षकों को डीएम की अनुशंसा पर निदेशक शिक्षा विभाग जिले से बाहर स्थानांतरित कर सकते हैं. अगर उक्त शिक्षक को लगता है कि जिलाधिकारी के स्तर से गलत हुआ है तो वह शिक्षा विभाग के निदेशक के समक्ष अपील कर सकता है. निदेशक के निर्णय से असंतुष्ट होने पर विभागीय सचिव के यहां अपील कर सकते हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय के कैबिनेट हॉल में शाम पांच बजे से चल रही नीतीश कैबिनेट की अहम बैठक में 44 एजेंडों पर मुहर लगी है. बिहार के 2500 आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण के लिए 300 करोड रुपये की लागत आयेगी. जिसमें नाबार्ड से 255 करोड़ एवं राज्य योजना मत से 45 करोड रुपए के व्यय की स्वीकृति दी गई है. पटना सर्किट हाउस में अतिरिक्त कमरों के निर्माण के लिए 34 करोड़ 26 लाख रुपये की तकनीकी प्राक्कलन पर प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय जमुई राजकमल को गंभीर कदाचार के आरोप में सेवा से डिस्चार्ज कर दिया गया है. धमदाहा के चिकित्सा पदाधिकारी मो अशरफ अली, हवेली खड़गपुर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ धन्नजय कुमार एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किशनपुर बांका के स्वास्थ्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार सिंह को लगातार अनुपस्थित रहने के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है . पंचम वेतनमान या पेंशन प्राप्त कर रहे सरकारी सेवकों को 1 जुलाई 2024 के प्रभाव से 443 फीसदी की जगह पर 455 फीसदी महंगाई भत्ता के भुगतान की स्वीकृति दी गयी है.