आईआईटी आईएसएम धनबाद को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, फी जमा करने में असक्षम स्टूटडेंस का नही हो सका था एडमिशन
राष्ट्र संवाद संवाददाता
यूपी के एक छात्र अतुल जो दलित है।जिस पर उच्चतम न्यायालय ने अपने विशेष अधिकार का पालन किया है।उच्चतम न्यायालय ने आर्टिकल 142 के तहत धनबाद आईआईटी आईएसएम को एक आदेश दिया है।वह आदेश है उसे एडमिशन लेने का।अतुल ने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी।लेकिन फी जमा नही करने के कारण उसका एडमिशन नहीं हो सका था।
पूरे मामले पर आईआईटी आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो धीरज कुमार ने कहा कि मीडिया के माध्यम से ही पता चला है कि उच्चतम न्यायालय ने आईआईटी आईएसएम को आदेश दिया है कि अतुल कुमार का जोशा के तहत एलोकेशन हुआ था,आईआईटी आईएसएम धनबाद,लेकिन फी पैड नही होने के कारण जोशा से सीट नही मिला पाया था।उच्चतम न्यायालय ने अतुल की सीट को धनबाद आईआईटी आईएसएम एलोकेट करते हुए उसका एडमिशन लेने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश का हम इंतजार कर रहें हैं,जो उनका आदेश होगा, वह हमे स्वीकार होगा।आईआईएटी मद्रास को फर्स्ट पार्टी बनाया गया था और आईआईटी आईएसएम को सेकेंड पार्टी बनाया गया था।उन्होंने कहा कि अभी तक उच्चतम न्यायालय के आदेश की कॉपी नहीं आई है। हमारा भी वकील मामले का रिप्रजेंट कर रहा था।कॉपी हमे भी मिल जायेगी।संभवतः कल मिल जाने की संभावना है।न्यायालय के आदेश का हम पालन करेंगे
उन्होंने बताया कि अतुल उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का छात्र है।अंतिम कुछ मिनटों में जोशा के पोर्टल फी पैड करने के लिए लॉगिन किया था।शायद उसके पास कुछ आर्थिक आभाव था,जिस कारण वह समय से फी पैड नही कर पाया था।चूंकि पांच बजे पोर्टल बंद हो जाती है।यह एक ऑनलाइन प्रक्रिया है।और वह फंड जुगाड नही करा पाया था।पोर्टल बंद हो जाने के बाद वह सीट किसी और को आवंटित हो जाती है।वह सीट किसी और को आवंटित हो गई होगी।
उच्चतम न्यायालय का कहना है कि फंड के आभाव में किसी के टेलेंट को आप रोक नही सकते हैं।उच्चतम न्यायालय का स्वागत योग्य फैसला उसका हम स्वागत करते हैं।हम उस छात्र का एडमिशन जरूर अपने संस्थान में लेंगे।
अगर ऐसा कुछ था तो हम हमे जानकारी होती तो आईएसएम भी ऐसे बच्चों को मदद करती है।कई संस्था भी इस दिशा में काम कर रही है।आईएसएम के एल्युमिनाई भी फोन कर पूछ रहें है कि अगर ऐसा था तो जानकारी देनी चाहिए