स्कूली बच्चों को बनाया मजदूर ,हाथों में कलम की जगह कुदाल, ढुलवाई जा रही ईंट
– एक छात्रा गंभीर रूप से कांके नर्सिंग होम में भर्ती,
– विद्यालय कर्मीयों ने भी लगाया शोषण का आरोप
– विद्यालय के मुख्य द्वार बंद होने के बावजूद कैसे निकला विद्यार्थी संशय का विषय है ।
– विद्यालय प्रधान का कमीशन गरीब के छाती पर।
मुकेश रंजन संवाददाता
रांची :- राजधानी के काके प्रखंड अंतर्गत राजकीय मध्य सह उत्क्रमित उच्च विद्यालय ,उरूगुट्टू एक मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, मासूम बच्चे कलम कॉपी लेकर विद्यालय पढ़ने के लिए गए थे, किंतु वहां के शिक्षक उनसे बाल मजदूरी करवा रहे हैं। यहां मासूम बच्चों से विद्यालय प्रधान के द्वारा कुणाल, ईंट, बालू, मिट्टी, ढुलाई कर पेशेवर मजदूरों की तरह मजदूरी करवाई जा रही हैं।
इसी बीच 8वीं कक्षा का छात्र साहिल अंसारी शनिवार को बेहोशी की हालत में स्कूल में पाया गया। बच्चे के चेहरे और सर में चोट का निशान है। स्थानीय लोगों से बच्चे के अभिभावक को जानकारी मिली कि उनका बच्चा स्कूल में बेहोश पड़ा हुआ है, जिसके बाद बच्चे के अभिभावक ने स्कूल पहुंच कर बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया
जहां बच्चे का ईलाज चल रहा है। इस संबंध में छात्र के पिता आलम अंसारी ने ठाकुरगाव थाना में विद्यालय के प्रधानाध्यापिका आंजना ज्योत्सना तिग्गा के खिलाफ लिखित शिकायत की है।
क्या कहते हैं आलम अंसारी के पिता – मेरा पुत्र साहिल अंसारी राज्य कृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय ऊरगुट्टू के आठवीं कक्षा का छात्र है। रोजाना की तरह मेरा पुत्र साहिल अंसारी स्कूल गया था मैं मजदूरी करने गया था। सुबह साढ़े नौं से दस बजे के बीच गांव वालों से सूचना मिली कि आपका बेटा स्कूल में जख्मी हालत में बेहोश पड़ा है। हम लोग तुरंत स्कूल पहुंचे। तब तक गाँववालो के द्वारा मेरे बेटे को कांके जेनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहाँ उसकी स्थिति नाजुक है और आइसीयू में भर्ती है। जब पता किया तो पता चला कि स्कूल में बाथरूम का रिपेयरिंग का काम चल रहा है। और इसी कार्य के लिए बच्चों से ईंट ढुलवाया जा रहा था। ईंट ढोने के क्रम में ही मेरा बेटा गीर कर गंभीर रुप से घायल हो गया और अपनी होंश खो बैठा।
बच्चा कक्षा से भाग गया थाः प्रधानाचार्या
इस घटना के बारे में जब स्कूल की प्रधानाचार्या से जब जानकारी लिया गया, तो उन्होंने कहा कि यह हादसा स्कूल में नहीं हुआ है। स्कूल से छात्र भाग गया था और साइकिल चलाने के दौरान बाहर बेहोश होकर पड़ा हुआ था। विस्तार से जानकारी लेने पर अपना फोन बंद कर दिया गया।
अपनी जिम्मेवारी से पल्टी प्रधानाचार्याः
घटना कैसे हई, बंद के दौरान लड़का विद्यालय से कैसे निकला, उपस्थिति के बाद बच्चा कहां गया, मुख्य द्वार की चाभी प्रधानाध्यापक के पास रहते कैसे निकला बच्चा निखिल सहित बेसुध हो गया ये जांच का विषय है। चुंकि घटना छात्र के स्कूल में जाने के बाद हुई है और प्रधानाचार्या का ये कह कर पल्ला झाड़ना कि बच्चा स्कूल से भाग कर साईकिल चलाने के दौरान चोटिल हुआ है, तो फिर आप स्कूल में किस काम के लिए बैठी हुई हैं। बच्चे बढ़ाई के दौरान अगर स्कूल से भाग जा रहे हैं, तो उन्हें कक्षा के अंदर रखना, ये किसकी जिम्मेदारी है? इसलिए मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई, ताकि इस तरह के घटना क पुनर्रावृति ना हो।
विद्यालय कर्मचारी ने भी लगाया आरोप –
विद्यालय के कर्मचारी का आरोप है कि विद्यालय प्रधान हमपर तानाशाही शोषण करते हैं । इनकी कम सैलरी पर भी कमीशनों का खेल होता है। सफाईकर्मी के जगह हम खाना बनाने वालाे को बाथरूम तक सफाई कराई जाती है। विद्यालय के सभी कार्यों में विद्यालय प्रधान का कमीशन होता है।