उपायुक्त सह अध्यक्ष, सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज जिला सहकारी संघ लि0, जामताड़ा, श्री फ़ैज़ अक अहमद मुमताज (भा०प्र०से०) की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित एस०जी०एस०वाई० प्रशिक्षण भवन, जामताड़ा में आहूत एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
∆ *संघ का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं वनोपज के व्यापार से बिचौलियों को पूर्ण रूप से समाप्त कर इसका लाभ अनुसूचित जनजाति एवं ग्रामीणों को उनके द्वारा उत्पादित एवं संग्रहित वनोत्पादों का उचित पारिश्रमिक दिलवाना है – उपायुक्त*
वनोत्पादों का सही मूल्य ग्रामीणों और किसानों को मिले, इसके लिए सुदृढ़ व्यवस्था बनाकर कार्य करने की जरूरत – उपायुक्त
आज दिनांक 15.04.2023 को उपायुक्त सह अध्यक्ष, सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज जिला सहकारी संघ लि0, जामताड़ा, श्री फ़ैज़ अक अहमद मुमताज (भा०प्र०से०) की अध्यक्षता में समाहरणालय परिसर स्थित एस०जी०एस०वाई० प्रशिक्षण भवन, जामताड़ा में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त श्री फ़ैज़ अक अहमद मुमताज (भा०प्र०से०), वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री बनकर अजिंक्य देवीदास (भा०व०से०),जिला पंचायत राज पदाधिकारी श्री प्रधान माझी,जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री चंद्रजीत खलखो सहित अन्य पदाधिकारी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य कृषि एवं अनुषंगी गतिविधियां तथा वनोपज के व्यापार से बिचौलियों को पूर्ण से समाप्त कर इसका लाभ अनुसूचित जनजाति एवं ग्रामीणों को उनके द्वारा उत्पादित एवं संग्रहित उत्पादों का उचित पारिश्रमिक दिलवाना है। उन्होंने कहा कि कृषि से वनोपज जुड़ा हुआ है, गांव में रहने वाले ग्रामीण अपनी अपनी आय बढ़ाने के लिए कृषि कार्यों के साथ साथ वनोत्पादों का संग्रह कर बिक्री करते हैं, लेकिन खुदरा बिक्री एवं बिचौलिए के कारण उन्हें उचित कीमत नहीं मिल पाता है। इसमें अगर देखें तो कृषि उपज के अलावा इमली, महुआ, साल बीज, पत्ते, लाह, करंज, चिरौंजी सहित कई प्रकार के अन्य वनोत्पाद हैं, जिसका उचित मूल्य वहाँ के ग्रामीणों को नहीं मिल पाता। बिचौलिये इनसे कम दाम में खरीदकर इसे बाजार में अधिक मूल्य में बेच दे रहे हैं। इन उत्पादों का सही मूल्य ग्रामीणों और किसानों को मिले, उनके जीवनस्तर में सुधार आ सके, इसके लिए हमें सुदृढ़ व्यवस्था बनाकर कार्य करना है। ताकि ग्रामीण स्तर पर लोगों के जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव हो सके।
राज्य सरकार द्वारा सहकारी संस्थाओं में सामंजस्य, दिशा निर्देश और योजना कार्यान्वयन के लिए सिद्धो कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड का गठन किया गया है। जिसमें जिले के सभी लैंपस को जोड़कर किसानों एवं ग्रामीणों को अधिकाधिक लाभ पहुंचाया जाएगा। उन्होंने जिले के लैंपसो को निर्देश देते हुए कहा कि आप लोग अपने अपने लैंपस को क्रियाशील बनाएं।
इस मौके पर वन प्रमंडल पदाधिकारी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए सहकारी संघ से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी साथ ही सभी लैंपसों को परस्पर सहयोग एवं सामंजस्य बनाकर कार्य करने हेतु अपील किया।
जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया की सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज संघ का उद्देश्य कृषि एवं अनुसंगी गतिविधियों तथा वनोपज के व्यापार से ठेकेदारी प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त कराना, अनुसूचित जनजाति एवं ग्रामीणों को उनके द्वारा उत्पादित एवं संग्रहित उत्पादों का उचित पारिश्रमिक दिलवाना, कृषि एवं वनोपज जैसे धान, गेहूं,सब्जी-फल, लाह, ईमली, कोदो, कुटकी, सरगुजा, चिरौंजी, साल, आंवला, महुआ, करंज, हर्रे, बहेड़ा, रेशम आदि का उत्पादन,संकलन,अनुसंधान तथा विकास की विभिन्न गतिविधियों को सहकारी आधार पर संगठित करना, क्रय-विक्रय एवं वितरण की ऐसी व्यवस्था करना जिससे कि सदस्यों को सर्वोत्तम लाभ मिले। जिले में सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज प्रोजेक्ट का सफल क्रियान्वयन हो सकेगा, जिला प्रशासन के द्वारा इस दिशा में आवश्यक प्रयास किये जा रहे है।
वहीं कार्यशाला में आए हुए लैम्पस अध्यक्षों एवं सदस्यों को प्रशिक्षक के द्वारा वनोपज के गठन के कारक के साथ साथ इसकी संगठनात्मक संरचना आदि पर विस्तार से जानकारी दिया गया।
*इनकी रही उपस्थिति*
इस मौके पर उपरोक्त के अलावा जिला पंचायत राज पदाधिकारी श्री प्रधान माझी,जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री चंद्रजीत खलखो, जिला कल्याण पदाधिकारी श्री उत्तम कुमार भगत, सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।