बागडेहरी थाना क्षेत्र के डी डंगाल पर अवैध कोयले का काला कारोबार चरम पर, जिम्मेदार कौन?
जामताड़ा: बीते कई वर्षों से जामताड़ा जिला पूरे देश भर में साइबर क्राइम के नाम पर बदनाम है। साइबर क्राइम के अलावा और क्राइम की बात की जाए तो कोयले का काला कारोबार चरम पर है। सुत्र की मानें तो बागडेहरी थाना क्षेत्र अंतर्गत मुड़ाबेड़िया के आदिवासी टोला बेलडंगाल के डी डंगाल नामक स्थान पर जंगल में रोजाना रात में पश्चिम बंगाल के सकड़भंगा से कोयले की तस्करी होती है।कोयला तस्कर डी डंगाल पर कोयला माफिया को कोयला बेचते हैं।माफिया द्वारा कोयला खरीद कर डी डंगाल पर रखा जाता है।उसी कोयले को फिर भैंसा गाड़ी द्वारा छोलाबेड़िया-पलासबनी जंगल होते आश्रम चक मुड़ाबेड़िया होते हुए पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के लापाड़-बड़ाबन जंगल होते हुए अवैध कोयले का काला कारोबार का खेल चलता है।सुत्र ने राष्ट्र संवाद को जान की बाजी लगाकर सलेक कोयला का तस्वीर साझा किया है। सुत्र बताते हैं रात कभी 10 बजे ,कभी 12 बजे, कभी 2 बजे ,कभी सुबह 4 बजे लगभग 70 भैंसा गाड़ी से अवैध रूप से कोयले को पश्चिम बंगाल में खपाया जाता है। गौरतलब है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।ऐसे में स्थानीय प्रशासन सवालिया निशान के घेरे में घिरते दिख रहे हैं।ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है क्या स्थानीय प्रशासन के मिलीभगत से इस अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है?मामले में स्थानीय प्रशासन की भी उच्च स्तरीय जांच होने की आवश्यकता है कहने से इंकार नहीं किया जा सकता है।