झारखण्ड शिक्षा परियोजना जामताड़ा के बैनर तले जिला स्तरीय इंटर स्कूल बैंड प्रतियोगिता का आयोजन कम्बाईंड बिल्डिंग जामताड़ा के खेल मैदान में किया गया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परीक्ष्यमान पुलिस उपाधीक्षक चन्द्रशेखर, विशिष्ट अतिथि सार्जेट मेजर कामेश्वर राम,एस आई अजीत कुमार और भास्कर झा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
बैंड प्रतियोगिता में झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय करमाटांड ,कस्तूरबा जामताड़ा, कस्तूरबा नाला ,कस्तूरबा कुण्डहित ,झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय फतेहपुर और कस्तूरबा नारायणपुर सहित 6 टीम के प्रतिभागियों ने बैंड प्रतियोगिता में भाग लिया।
अतिथियों ने सभी टीम के प्रतिभागियों से परिचय प्राप्त कर बैंड प्रतियोगिता की शुरुआत की।
जामताड़ा के परीक्ष्यमान पुलिस उपाधीक्षक चंद्रशेखर ने कहा कि जामताड़ा जिले के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बच्चे कुशल मार्गदर्शन से राज्य और राष्ट्र स्तर तक अपनी पहुंच बना सकते हैं। सार्जेट मेजर श्री रामेश्वर राम ने संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को पढाई के साथ-साथ अन्य कला और प्रतिभा को विकसित करने की जरूरत है। बैंड प्रतियोगिता का आयोजन इस दिशा में एक सार्थक कदम है।
ए पी एम अजय कुमार ने कहा कि बैंड प्रतियोगिता के आयोजन का उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। ए पी एम वंदना भट्ट ने कहा कि स्कूली बच्चों के हुनर को कैरियर के अवसर के रूप में विकसित करने की सोच है। जिसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा इन्टर स्कूल बैंड प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय फतेहपुर की टीम प्रथम स्थान प्राप्त कर विजेता टीम बनी। जबकि कस्तूरबा नाला की टीम द्वितीय स्थान प्राप्त कर उपविजेता बनी। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने विजेता और उप विजेता टीम को मेडल देकर पुरस्कृत किया।
जामताड़ा के जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ गोपाल कृष्ण झा और जिला शिक्षा अधीक्षक दीपक राम ने विजेता और विजेता टीम को शुभकामनाएं दी।मौके पर सब इंस्पेक्टर भास्कर झा,सब इंस्पेक्टर अजित कुमार मौजूद थे।कार्यक्रम का मंच संचालन शिक्षक विद्या सागर ,सुब्रतो चौधरी और दुर्गेश कुमार दुबे ने किया। मौके पर शिक्षिका रश्मि कुमारी ,प्रतिमा एकघरा,सुनीता किस्कू ,संध्या रानी मुख्य रूप से उपस्थित थे। प्रतियोगिता के सफल संचालन में ए पी ओ उज्जवल मिश्रा ,एस एस ए कर्मी विनोद राजहंस ,दिलीप कुमार ,वरुण कुमार, कामाख्या मंडल और सुमना बाउरी का अहम योगदान रहा।