एनडीए को लोकसभा चुनाव से पहले लगा बड़ा झटका, AIADMK गठबंधन से हुआ अलग
नई दिल्ली/चेन्नई. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बड़ा झटका लगा है. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म ने सर्वसम्मति से बीजेपी और एनडीए से सभी रिश्ते तोडऩे का प्रस्ताव पारित किया.
अन्नाद्रमुक नेता केपी मुनुस्वामी ने कहा- बीजेपी का राज्य नेतृत्व पिछले एक साल से हमारे पूर्व नेताओं, हमारे महासचिव ईपीएस के पलानीस्वामी और हमारे कार्यकर्ताओं के बारे में लगातार अनावश्यक टिप्पणियां कर रहा है. आज की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि एआईएडीएमके के भाजपा और एनडीए गठबंधन के साथ सभी संबंध खत्म हो जाएंगे.
जानबूझकर हमला करने का आरोप
मुनुस्वामी ने आरोप लगाया कि राज्य भाजपा जानबूझकर पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और अन्नादुरई पर हमला कर रही है. मुनुस्वामी के अनुसार, एनडीए गठबंधन में बीजेपी का राज्य नेतृत्व जानबूझकर एआईएडीएमके पार्टी, पूर्व सीएम और नेताओं अन्नादुराई और जयललिता पर हमला कर रहा है. बीजेपी के राज्य नेतृत्व ने 20 अगस्त को मदुरै में आयोजित एआईएडीएमके सम्मेलन की भी आलोचना की. इससे एआईएडीएमके के कैडर आहत हैं.
लगाए जा रहे थे कयास
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से अन्नाद्रमुक और भाजपा के बीच रिश्ते खराब चल रहे थे. कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी गठबंधन से अलग हो सकती है. अन्नाद्रमुक और भाजपा अक्सर सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को घेरते हुए नजर आए थे. अन्नाद्रमुक ने 18 सितंबर को घोषणा की थी कि भाजपा अब उनकी सहयोगी नहीं है. आरोप लगाया गया कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष गठबंधन धर्म की सीमा पार कर रहे हैं. अन्नाद्रमुक नेताओं ने अन्नादुरई और पेरियार पर की गई टिप्पणी के लिए भी कड़ी आलोचना की. जानकारी के अनुसार, एआईएडीएमके के जिला सचिवों, संसद सदस्यों, पार्टी सचिवों, और विधानसभा सदस्यों ने सोमवार को चेन्नई में पार्टी मुख्यालय में मीटिंग की. जहां गठबंधन से अलग होने का आधिकारिक ऐलान कर दिया गया.
इससे पहले 22 सितंबर को अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेता थंगमणि, सीवी शनमुगम, थंबीदुरई, एसपी वेलुमणि, केपी मुनुसामी ने दिल्ली में भाजपा नेताओं से मुलाकात की थी. हालांकि तब दोनों पक्षों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सूत्रों ने बताया था कि दिल्ली में हुई ये बैठक सार्थक नहीं रही.
सिर्फ 1 सीट मिली
2019 के लोकसभा और 2021 के विधानसभा चुनावों सहित अन्नाद्रमुक को चुनावों में भाजपा गठबंधन के साथ हार का सामना करना पड़ा. एआईएडीएमके ने 2021 में हुए विधानसभा चुनावों में सिर्फ 75 सीटें जीतीं. उससे पहले पांच साल पहले 136 सीटों पर कब्जा जमाया था. डीएमके-कांग्रेस गठबंधन ने उसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके को हार का सामना करना पड़ा था, उसे 37 में से सिर्फ 1 सीट मिली, जबकि डीएमके 0 से 39 सीटों पर पहुंच गई.