मुसाबनी प्रखण्ड प्रमुख रामदेव हेंब्रम ने राखा _ कॉपर में हरे_ भरे 50 पेड़ों की कटाई का जताया विरोध
घटना स्थल का दौरा कर वन विभाग से दोषियों के खिलाफ कारवाई की उठाई मांग, अन्यथा आंदोलन की दी चेतावनी
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जादूगोड़ा :जादूगोड़ा थाना क्षेत्र के मुर्गाघुट पंचायत में भू माफिया द्वारा जमीन कब्जाने की लेकर हरे _ भरे 50 पेड़ों को काटे जाने का मामला तुल पकड़ने लगा है। इधर आज मंगलवार को मुसाबनी प्रखण्ड प्रमुख रामदेव हेंब्रम की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने घटना स्थल का दौरा कर व साथ में जादूगोड़ा वन विभाग की टीम पर पहुंची।मुर्गाघूटू पंचायत के राखा कॉपर मुख्य सड़क किनारे जंगलों के अवैध कटाई का मामला को संगीन बताते हुए रामदेव हेंब्रम ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग की है ,अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी है। इस प्रतिनिधिमंडल में मुसाबनी प्रमुख राम देव हेंब्रम, पूर्व जिला परिषद सुखलाल हेंब्रम, ग्राम प्रधान लिटामुर्मू , बाग़ुन के, वन अधिकार सचिव बिक्रम सिंह, जादूगोड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष विनोद सिंह,जिला मंत्री रोहित सिंह, ने हिस्सा लिया।
3 पेड़ो की कटाई के बाद की जा रही घेराबंदी का दृश्य
रैयत भूमि पर पेड़ों की कटाई की गई है/.वन विभाग
जादूगोड़ा : जादूगोड़ा _ राखा कॉपर मार्ग पर सड़क किनारे वर्षों से पर्यावरण संरक्षण की लेकर हरे_ भरे पेड़ लगाए गए थे। जिसे भूमि माफियाओं ने जमीन कब्जाने को लेकर हजारों पेड़ काट डाले।इस बाबत पूछे जाने पर वन विभाग के वन कर्मी कहते है कि अंचलाधिकारी व डी एफ ओ की जानकारी के बीच पेड़ो की कटाई की गई है व यह रैयत भूमि है।।जिस पर वन विभाग कारवाई नहीं कर सकता। यहां बताते चले कि जिस जमीन पर जंगल की कटाई की गई है यह जमीन नीलानदनी नंदी का है व हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड व रैयत के बीच अधिपत्य को लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा है। ऐसे में कई लोग कई जमीन पर दावा ठीक कर पेड़ो को कटाई कर जमीन कब्जाने में जुटे है।बहरहाल देखना यह है वन विभाग व अंचलाधिकारी के जानकारी के बावजूद 50 से अधिक रैयत जमीन पर लगे पेड़ कैसे कट गए । किसकी मंजूरी के बाद जंगलों को उजाड़ दिया गया। जिसकी कीमत करोड़ो में थी।यह सबसे बड़ा सवाल है। जिसका जवाब के खुलासे के बाद ही इस भूमि विवाद को लेकर राखा कॉपर में मचा कोहराम पर विराम लग पाएगा अन्यथा आने वाले दिनों में खूनी संघर्ष की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।