कृष्ण कुमार बलिया
गंगा कटाव से शिवनगर सहित कई गांवों पर मंडरा रहा है अस्तित्व का खतरा,बलिया दियारा के 30 हजार से अधिक की आबादी हो सकती है प्रभावित
कृष्ण कुमार बलिया
गंगा किनारे से महज 20 से 30 मीटर ही बची है शिवनगर एवं भवानंदपुर गांव की दूरी
गंगा के जलस्तर में वृद्धि के साथ ही फूलने लगी ग्रामीणों की सांसे
विगत वर्ष गिरीराज सिंह की पहल पर 1260 मीटर में हुआ था कटाव निरोधक कार्य
भाजपा-जदयू की पेंच में फंसा कटाव निरोधक कार्य
राजस्व कर्मचारी से परिवारों का कराया गया सर्वे
कटाव निरोधक कार्य नहीं चलाये जाने से ग्रामीणों में मायूसी
डीएम से कटाव निरोधक कार्य चलाये जाने की पहल करने की अपील
बलिया. प्रखंड क्षेत्र के शिवनगर गांव के समीप विगत वर्ष से गंगा नदी में हो रहे कटाव के कारण स्थानीय ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है. गंगा के जलस्तर में वृद्धि शुरू होने के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों की सांसे खुलने लगी है. समय रहते कटाव निरोधक कार्य चलाने की दिशा में शीघ्र पहल नहीं किया गया तो शिवनगर सहित कई गांवों पर अस्तित्व का खतरा मंडराने लगा है.
जून माह घुसते ही गंगा के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो चुकी है. जिससे दियारा क्षेत्र के शिवनगर, भवानंदपुर, शाहपुर, ताजपुर, गोखलेनगर विष्णुपुर सहित आधे दर्जन से अधिक गांवों के लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी है. जैसे-जैसे बाढ का समय नजदीक आते जा रहा है. बलिया प्रखंड क्षेत्र के भवानंदपुर एवं ताजपुर पंचायत के लगभग 30 हजार की आबादी सरकार व प्रशासन के प्रति टकटकी निगाहें से देख रही है. जबकि मुंगेर जिला अंतर्गत कुतलूपुर पंचायत के स्थानीय निवासी आशा भरी निगाहों से कभी बेगूसराय प्रशासन तो कभी मुंगेर प्रशासन की ओर देख रही है. विगत वर्ष जब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की पहल पर बलिया के भवानंदपुर गांव के समीप कटाव निरोधक कार्य शुरू हुये थे तब दियारा वासियों में एक आशा की किरण जगी थी. कि अब दियारा क्षेत्र कटाव मुक्त होगा. परंतु तत्कालीन सरकार और वर्तमान सरकार के बीच स्थिति उलझ गयी है. पक्ष व विपक्ष के पेंच में कटाव निरोधक कार्य उलझ कर रह गयी है. देखना यह है कि आने वाले दिनों में दियारा क्षेत्र के आधे दर्जन से अधिक गांवों की लगभग 30 की आबादी को निराशा हाथ लगेगी या फिर जिला प्रशासन व सत्ता के शीर्ष पर बैठे राजनेताओं के द्वारा इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुये दियारा क्षेत्र की इस समस्या का निदान होता है.
इन गांवों पर है कटाव का खतरा
बलिया प्रखंड क्षेत्र के शिवनगर, शाहपुर, भवानंदपुर, गोखले नगर विष्णुपुर, ताजपुर, सहबेकपुर, सैदपुर, शादीपुर, नौरंगा, अशर्फा सोनदीपी, कमालपुर, पहाड़पुर गांवों के समीप से गुजर रही है गंगा. ये गावें कभी भी कटाव की जद में आ सकती है. जिसमें सबसे खतरनाक स्थिति शिवनगर गांव की है.
दियारा विकास संघर्ष समिति कटाव निरोधी कार्य को लेकर है प्रयासरत
विगत वर्ष भवानंदपुर गांव के समीप लगभग 1200 मीटर में हुये कटाव निरोधक कार्य को संपन्न कराने में दियारा विकास संघर्ष समिति के सदस्यों की अहम भूमिका रही है. इस कार्य में दियारा विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष सह ताजपुर पंचायत के मुखिया शिवनंदन कुमार उर्फ शिवदानी, सचिव विजय कुमार सिंह, अमित कुमार, बमबम कुंवर, प्रशांत राय, संजय चौधरी आदि के द्वारा लगातार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मिलकर कटाव निरोधक कार्य चलाने की अनुरोध किया जाता रहा. जिस प्रयास के फलस्वरूप केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद श्री सिंह के द्वारा तत्कालीन जदयू-भाजपा सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा को पत्र लिखकर व दूरभाष पर बात करते हुये 760 मीटर में कटाव निरोधी कार्य चलाने को लेकर टेंडर हुआ. 3 जून 2022 को कटाव स्थल पर पहुंचे गिरीराज सिंह ने ग्रामीणों के अनुरोध पर कटाव स्थल से ही जल संशाधन मंत्री संजय झा से दूरभाष पर बात कर 500 मीटर और कार्य को विस्तार कराया. जिससे ग्रामीणों में उनके प्रति आदर व सम्मान देखा जा रहा है.
20 से 30 मीटर ही बची है गंगा से शिवनगर गांव की दूरी
विगत वर्ष दिसंबर माह तक जिस तरह से गंगा में कटाव हुआ था. उससे शिवनगर गांव गंगा के मुहाने पर आन पड़ी है. कटाव के कारण अब शिवनगर गांव की दूरी गंगा नदी से महज 20 से 30 मीटर ही बची है. जिससे ग्रामीणों में दहशत का वातावरण बना हुआ है. दहशत का आलम यह है कि विगत वर्ष हो रहे कटाव के कारण शिवनगर गांव के ग्रामीण रात में टॉर्च की लाइट से गंगा किनारे पहरा देने को मजबूर थे. पुनः जल स्तर में वृद्धि होने से एक बार फिर ग्रामीणों में अपने आशियाने कटने के डर से दहशत का माहौल व्याप्त है.
सीओ के द्वारा घरों का कराया गया है सर्वे
कटाव को देखते हुये बलिया सीओ चंदन कुमार के द्वारा कर्मचारी को भेजकर शिवनगर एवं भवानंदपुर गांव के समीप कटाव को देखते हुये विगत वर्ष ही घरों का सर्वे कराया गया है. ताकि गांवों को कटने के बाद उन्हें विस्थापित किया जा सके.
क्या कहते हैं ग्रामीण
तिनका-तिनका जोड़कर पक्का मकान बनवाया. विगत वर्ष से इस तरह से गंगा नदी में कटाव हो रहा है. उससे अब घरों का बचना मुश्किल लग रहा है. शिवनगर के ग्रामीणों का घर बचाने के प्रति ना तो स्थानीय प्रशासन ही संवेदनशील है. और ना ही विधायक व सांसद ही प्रयत्नशील हैं. सिर्फ वोट के लिये ग्रामीणों को इस्तेमाल किया जाता है. अब गंगा मैया के भरोसे ही ग्रामीण हैं.
प्रशांत राय, ग्रामीण, शिवनगर
विगत वर्ष भवानंदपुर के समीप कटाव निरोधी कार्य चलाये गये थे. जिससे स्थानीय ग्रामीणों में आस जगी थी कि अब सरकार द्वारा गांवों को कटने नहीं दिया जायेगा. लेकिन इस वर्ष जून खत्म होने को है. अभी तक कटाव निरोधक कार्य चलाने की दिशा में किसी भी तरह की पहल नहीं की गयी है. जिससे प्रतीत होता है कि राज्य सरकार व जिला प्रशासन बलिया प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों को उनके हाल पर छोड़ दिया है.
परमानंद चौधरी, पंचायत समिति सदस्य, भवानंदपुर पंचायत (फोटो)
काफी प्रयास के बाद विगत वर्ष भवानंदपुर गांव के समीप 1260 मीटर में कटाव निरोधी कार्य चलाये गये थे. तब भाजपा व जदयू की सरकार थी. अब जदयू व राजद की सरकार में ग्रामीणों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है. जिससे शिवनगर व भवानंदपुर गांव पर विस्थापन का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि दियारा विकास संघर्ष समिति कटाव निरोधी कार्य के तहत फल्ड फाइटिंग का कार्य करवाने की दिशा में संघर्षशील है.
शिवनंदन कुमार, अध्यक्ष दियारा विकास संघर्ष समिति
ग्रामीणों का उपजाऊ भूमि तो कटकर गंगा में विलीन हो ही चुकी है. अब घर भी कटने के कगार पर है. इस वर्ष लोगों ने काफी उम्मीद लगाई थी कि शिवनगर के समीप कटाव निरोधक कार्य चलाये जाएंगे. लेकिन उनके उम्मीदों पर पानी फिर गयी. अभी तक कटाव निरोधक कार्य नहीं चलाये जाने से ग्रामीण में दहशत के साथ मायूसी व्याप्त है.
परमानंद कुमार, ग्रामीण शिवनगर (फोटो)
क्या कहते हैं अधिकारी
बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि हम लोगों के द्वारा लगातार विभाग को शिवनगर एवं भवानंदपुर के समीप हो रहे कटाव को लेकर पत्राचार किया गया. विभाग के राज्य स्तरीय टीम के द्वारा भी स्थल निरीक्षण किया गया. कटाव निरोधी कार्य चलाने को लेकर टेंडर की प्रक्रिया नहीं हो सकी. कटाव होने पर विभाग के द्वारा फल्ड फाइटिंग के तहत कटाव निरोधी कार्य चलाये जाएंगे.
प्रेम प्रकाश, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण, बेगूसराय