जबलपुर. एमपी की बिजली कंपनी ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि कंपनी में कार्यरत संविदा कर्मियों के नियमितीकरण और आउटसोर्स कर्मियों के संविलियन का फिलहाल कोई प्रावधान नहीं है. बिजली कंपनी का ये जवाब से नियमितिकरण और संविलियन की राह देख रहे बिजली विभाग के हजारों कर्मियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
बताया जा रहा है कि भाजपा ने 2013 के विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में संविदा कर्मियों के नियमितीकरण का वादा किया था, जिसके बाद संविदा कर्मियों को नियमितीकरण की उम्मीद थी, लेकिन कंपनी के इस जवाब ने हजारों संविदा कर्मियों की उम्मीदों को तोड़ दिया है.
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि ऊर्जा विभाग से आए पत्रों पर पावर मैनेजमेंट कंपनी एवं पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से आरटीआई के माध्यम से ली गई जानकारी से पता चला की ऊर्जा मंत्री के पत्र पर कार्यवाही ही नहीं की गई है.
संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव के द्वारा ऊर्जा विभाग को दो पत्र लिखे गए थे, जिस पर तकनीकी कर्मचारियों की लंबित समस्या जैसे- विद्युत मंडल में सेवा के दौरान मृत हुए कर्मियों के परिवार के एक सदस्य को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जाए, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाए, सभी कंपनियों में आउट सोर्स के कर्मियों का संविलियन किया जाए एवं समानता का अधिकार, जिसमें अधिकारियों एवं बाबुओं से 5 दिन कार्य कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नियमित, संविदा कर्मी एवं आउट सोर्स कर्मचारियों से 6 एवं 7 दिन कार्य कराने के बाद सातवें दिन अवकाश दिया जाता है, उससे भी उन्हें वंचित रखा जा रहा है.
संघ के द्वारा दोनों पत्रों पर आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई तो पावर मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा नियम बता कर समाप्त कर दिया गया. एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि तकनीकी कर्मचारियों की लंबित समस्याओं के निराकरण के संबंध में मप्र विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के मांगपत्र के संबंध में जानकारी निम्नानुसार है-
कंपनी के कार्य की आवश्यकतानुसार ऑनलाईन निविदा जारी कर निश्चित समय अवधि के लिए विभागीय शर्तों एवं नियमों के अनुसार आउटसोर्स कार्मिकों की आपूर्ति बाह्यस्त्रोत प्रदाता के माध्यम से ली जाती है. नियमों में आउटसोर्स कार्मिकों का कंपनियों में संविलियन किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है.
कंपनी में प्रभावशील संविदा नीति के अन्र्तगत संविदा कार्मिकों के नियमितीकरण का प्रावधान नहीं है, अपितु चिन्हित पदों की सीधी भर्ती में निश्चित प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किये जाने का प्रावधान है.
वर्तमान में कंपनी में प्रभावशील अनुकंपा नियुक्ति नीति 2018 के प्रावधानों के अनुसार पूर्ववर्ती मप्ररावि मंडल के ऐसे कार्मिक जो राज्य शासन की अधिसूचना दिनांक 10.04.2012 के द्वारा एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी में अंतिम रूप से आंतरित एवं आमेलित हुए हैं, की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों के अनुकंपा नियुक्ति आवेदनों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है. अनुकंपा नीति में दिनांक 15.11.2000 से 10.04.2012 के मध्य कार्य के दौरान विद्यत दुर्घटना से मृत्यु के प्रकरणों को भी शामिल किया गया है.
वहीं हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व क्षेत्र कंपनी के द्वारा समानता का अधिकार पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में किससे गुहार लगाई जाए. अभी ऊर्जा मंत्री के पत्रों पर भी किसी भी समस्या का कोई भी हल नहीं निकला.