झारखंड सरकार द्वारा राज्य निर्माता अटल जी की पुण्यतिथि पर अपमान से आहत भाजपा ने किया प्रेस कॉंफ्रेंस
■ अटल जी का पूरा झारखंड ऋणी, झामुमो ने गलत परंपरा को जन्म दिया: सांसद विद्युत महतो
■ महागठबंधन की सरकार सत्ता के नशे में चूर, झारखंड निर्माता के अपमान से जनभावना आहत: कुणाल षाड़ंगी
■ अटल जी हृदय की विशालता और राजनीतिक संस्कार से झामुमो सीख ले: गुंजन यादव
जमशेदपुर, सोमवार: भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर भाजपा नेताओं को झारखंड विधानसभा परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण की अनुमति नहीं मिलने पर पूरे प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित हैं। राज्य सरकार के इसी रवैये से आहत भाजपा जमशेदपुर महानगर ने साकची स्थित जिला कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के झारखंड निर्माण में योगदान की याद दिलाई। प्रेस कॉंफ्रेंस को संबोधित करते हुए जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि जिस व्यक्ति ने वर्षों पुरानी झारखंड अलग राज्य की मांग को स्वीकार कर झारखंड प्रदेश बनाया, उस महापुरुष का झामुमो, काँग्रेस व राजद की महागठबंधन की सरकार ने उनकी पुण्यतिथि पर भुलाकर झारखंडवासी के हृदय को घात पहुंचाया है। अटल जी की लोकप्रियता किसी दल की सीमाओं में बंधकर नही रह सकती। उन्होंने विधानसभा सचिव के उस गैर जिम्मेदाराना बयान की कड़े शब्दों में निंदा की जिसमें उन्होंने कहा कि हमें पता होता तो हम माल्यार्पण कर देते। कहा कि विधानसभा सचिव जैसे गंभीर पद पर बैठे व्यक्ति से अनुमति मांगने के दौरान सचिव का जिस प्रकार का रूखा व्यवहार देखने को मिला, उससे स्पष्ट हो गया कि जुबान भले ही सचिव की हो परंतु शब्द की स्क्रिप्ट सरकार द्वारा तैयार की गई थी। श्री महतो ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के अविस्मरणीय योगदान कारण ही वे झारखंड विधानसभा में हैं, दल भिन्न हो सकते हैं, परंतु महापुरुषों के सम्मान में राज्य सरकार की ऐसी संवेदनहीनता गलत परंपरा की शुरुआत है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि राज्य सरकार ने भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री, झारखंड राज्य के जनक अटल जी को भुला दिया। जिस महापुरुष ने झारखंड का निर्माण किया, पुण्यतिथि पर उनका इस प्रकार अपमान करना दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है। यह पूरे राज्य की जनभावना का भी अपमान है। जिस झारखंड को उन्होंने बनाकर वर्षों पुरानी मांग को पूर्ण कर मूर्त रूप दिया, क्या वाजपेई जी को इस महान कार्य के लिए उसी राज्य की धरती पर अपनी पुण्यतिथि के दिन सम्मान के दो फूल पाने का भी हक नहीं है। उन्होंने विधानसभा सचिव द्वारा गैर जिम्मेदाराना बयान के लिए व इस गम्भीर अपराध के लिए राज्य सरकार को राज्य की जनता से तत्काल माफी मांगने और विधानसभा सचिव को अविलम्ब बर्खास्त करने की माँग की।
महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि झारखंड सरकार का यह भेदभावपूर्ण रवैया ही बताने के लिए पर्याप्त है कि भाजपा और अन्य पार्टियों में क्या फर्क है। जो भाजपा अलग दल से ताल्लुक रखने के बावजूद शिबू सोरेन को राज्यसभा भेजने का कार्य करती है, उनको सम्मान देती है। बाबूलाल जी द्वारा आदरणीय शिबू सोरेन जी का नाम अनुशंसित करने के बाद अटल जी को भी शिबू सोरेन जी के नाम पर तनिक भी आपत्ति नहीं होना, भाजपा के नेताओं व अटल जी के हृदय की विशालता और राजनीतिक संस्कार बताने के लिए काफी है। परंतु आज झामुमो उनके सम्मान में क्या कर रही है यह देखने की चीज है। कहा कि झारखंड अलग राज्य की मांग पर आंदोलनकारी के सपने व झारखंड अस्मिता को बेचने वाली झामुमो, खरीददार काँग्रेस के साथ अपने जिम्मेदारी का निर्वाह कर रही है। प्रेस वार्ता को पूर्व विधायक मेनका सरदार एवं प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा ने भी सम्बोधित किया।