विधायक सरयू राय ने पूर्व मुख्यमंत्री पर लगाए गंभीर आरोप
विधायक सरयू राय संवाददाता सम्मेलन कर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर हुए चार्जशीट के आधार पर उन्हें बुला रही है जो साहेबगंज और पाकुड में गिट्टी घोटाला से संबंधित है. इस मामले में हेमंत सोरेन से अधिक घोटाला रघुवर दास के मुख्यमंत्री और खान मंत्री रहते हुआ है. जिसका प्रमाण ईडी की उसी चार्जशीट में है जिसके आधार पर ईडी श्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए बुला रही है.
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार पर तो सिर्फ गिट्टी घोटाले का आरोप है जिसमें उनके प्रतिनिधि पंकज मिश्रा मुख्य अभियुक्त हैं. पर रघुवर दास पर तो गिट्टी घोटाला के साथ ही मनरेगा घोटाले का आरोप भी है जो ईडी के उस चार्जशीट से साबित होता है. जिसमें पूजा सिंघल पर मुकदमा हुआ है.
विधायक सरयू राय ने कहा कि गिट्टी घोटाला में ईडी ने जो चार्जशीट दाखिल किया है उसमें लिखा हुआ है कि श्री रघुवर दास जब मुख्यमंत्री और खान मंत्री थे तब दो तिहाई घोटाला और श्री हेमंत सोरेन के समय एक तिहाई घोटाला रेलवे रैक से बिना चालान के गिट्टी ढुलाई में हुआ है.
ईडी चार्जशीट के अनुसार रघुवर दास मुख्यमंत्री और खान मंत्री थे तब 2015 से 2019 के बीच हर साल रेलवे रेक से अवैध ढुलाई हुई है. यह ढुलाई 2015-16 से 2019-20 के बीच 233 रेक से हुई है और रघुवर दास सरकार में वसूली एजेंट प्रेम प्रकाश की कंपनी ब्ज्ै पदकनेजतल ने यह अवैध ढुलाई किया है
इस घोटाला में सरकारी खजाना को 100 करोड़ रूप्ए से अधिक की चपत लगी है. 2015-16 से लेकर 2017-18 तक रेलवे रेक से अवैध गिट्टी ढुलाई इनके मनोनुकूल नहीं हुई तो साहेबगंज के जिला खान पदाधिकारी को बदल कर वहाँ विभुति कुमार की पोस्टिंग की गई. इस अवधि में गिट्टी का अवैध खनन और अवैध परिवहन में भारी उछाल आया.
एक साल में 117 रेक गिट्टी का परिवहन बिना चलान से हुआ. श्री विभुति कुमार आज भी साहेबगंज के डीटीओ हैं. श्री रघुवर दास सरकार के आरंभिक 3 वर्षों में केवल 48 रेक की अवैध ढुलाई हुई जो बाद के 2 वर्षों में 185 रेक हो गई।
इसी तरह मनरेगा घोटाला में इडी ने पूजा सिंघल को दोषी पाकर उनपर चार्जशीट किया है. इस चार्जशीट में लिखा हुआ है कि पूजा सिंघल ने मनरेगा घोटाला में जो भ्रष्टाचार और काली कमाई किया है वह वर्ष 2013 से 2019 के बीच का है. इन 6 वर्षों में से 4 वर्षों -2015 से 2019 के बीच-तक
रघुवर दास मुख्यमंत्री थे. वे मनरेगा घोटाले में आकंठ डुबे हुए हैं. जिस मनरेगा घोटाला में इडी ने पूजा सिंघल को अरबों रूपये की हेराफेरी का दोषी पाकर जेल में डाला है, आरोप सही पाकर चार्जशीट किया है, उसी पूजा सिंघल को, उसी मनरेगा घोटाला में, श्रीमान रघुवर दास जी ने मुख्यमंत्री रहते समय क्लीन चिट दे दिया था, उन्हें निर्दोष करार दिया था, उनका प्रोमोशन कर दिया था.
उन्हें घोटाला करने का अवसर दे दिया था. तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने रघुवर दास से साँठगाँठ कर दस्तावेजी सबूतों में फर्जीवाड़ा किया और हेराफेरी कर पूजा सिंघल को आरोप मुक्त करने वाले दस्तावेज तैयार कराया. रघुवर दास ने पूजा सिंघल को ईमानदार करार दिया, इनके विरूद्ध सबूत मिटाने की साजिश किया और जब इडी ने जाँच किया तो क्या हुआ यह सबके सामने है.