खोदावंदपुर, बेगूसराय :खोदावंदपुर थाना क्षेत्र के एक गांव से एक दुष्कर्म पीड़ता 18 वर्षीया युवती एक अदद प्राथिमिकी दर्ज कराने के लिए दर दर भटक रही है.पीड़िता के कहने के अनुसार घटना के एक पखवाड़ा बाद भी जब स्थानीय थाना में प्राथिमिकी दर्ज नही किया गया.तब शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक से मिलकर आपबीती सुनाई और न्याय का फ़रियाद किया.पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार ने न्याय का भरोसा दिया है।
क्या है मामला
पुलिस अधीक्षक को समर्पित आवेदन में पीड़िता ने बताया है कि गत 18 अक्टूबर की रात्रि करीब 10:30 बजे मेरे घर के सभी सदस्य दुर्गा मेला देखने गए थे.मैं घर मे अकेली सो रही थी.तभी दौलतपुर पंचायत के मोहनपुर निवासी राम सुधार साह के पुत्र राजा कुमार एवं लालमोहन साह के पुत्र रंजन कुमार दोनो मेरे घर मे घुस गया.मैं दोनो को देखकर हल्ला करने लगी.तभी रंजन अपने कमर से पिस्टल निकाल मेरे ऊपर तान दिया.तथा राजा मेरा मुंह दबाकर मेरे साथ दुष्कर्म किया. इसी बीच मेरे परिवार के लोग दुर्गा मेला से वापस घर आ गए.मेरे घरवालों को देखकर रंजन पिस्टल लहराते हुए भाग गया. जबकि राजा को हमलोगों ने पकड़ लिया. हो हल्ला सुनकर अन्य ग्रामीण मेरे घर जमा हो गए.तथा ग्रमीणों ने राजा की उसी रूम मे बंदकर पुलिस को सुचना दिया. इसी बीच राजा के परिजन भाई चंदन कुमार.सुजीत कुमार.राम कुमार.भाभी बेबी देवी एवं घनश्याम कुमार भी आ गए और इनलोगो ने भी हमारे और हमारे घरवालो को जाति सूचक भद्दी भद्दी गालियां दिया तथा जान से मारने की धमकी दिया.जानकारी मिलने पर पुलिस थाना से आई और राजा को पकड़ कर अपने साथ लेकर गयी.कल हो के सुबह में थाना से दरोगा अर्चना झा और चौकीदार दिनेश मेरे घर पर आए और हम पर दबाब बनाकर सदा कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए और थाना लौट गए.पुलिस ने दुष्कर्मी को जेल भेजने के बजाय थाना से छोड़ दिया.राजा को थाना से छोड़ने के बावत जब हमने बड़ा बाबु से फोन पर बात किए तो उन्होंने हमको ही भद्दी भद्दी गाली दिया और फोन काट दिया.तथा आज तक हमारा केस नही किया है।
कहते हैं थाना अध्यक्ष:
मिथलेश कुमार थाना अध्यक्ष खोदावंदपुर ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने अपने उपर लगाए गए आरोप को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि जानकारी मिलने पर आरोपी को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाकर थाना लाया गया था.पीड़िता से आवेदन का मांग किया गया था.लेकिन वह कहती रही कि हमको शादी करा दीजिए हम केस नही करेंगे.और वह थाना पर भी नही आई.तब घटना की सूचना वरीय अधिकारियों को दिया गया था.और मार्गदर्शन मिलने पर पीआर पर आरोपी को थाना से मुक्त कर दिया गया.आगे भी इस मामले में वरीय अधिकारी का जो आदेश होगा उसका अक्षरसःपालन किया जाएगा.