जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए मतदाताओं की उमड़ी भारी भीड़
डोडा/किश्तवाड़: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद हो रहे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान बुधवार को जम्मू क्षेत्र के डोडा जिले में मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए उत्साहित मतदाता कतार में खड़े दिखे। पिछले कुछ महीनों में यहां आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि हुई है।
अपनी सरकार चुनने के लिए विधानसभा चुनाव में भाग लेने पर खुशी व्यक्त करते हुए मतदाताओं ने यह भी उम्मीद जताई कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बाद जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा।
बुधवार को चेनाब घाटी के जिलों में मतदान जारी है, जहां 7.14 लाख से अधिक मतदाता हैं। विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 64 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां में भी मतदान जारी है।
चेनाब घाटी के आठ विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित सभी 1,328 मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू हो गया। डोडा और किश्तवाड़ समेत क्षेत्र के कुछ हिस्सों में जून से आतंकी गतिविधियों में वृद्धि हुई है, जिसमें दो अधिकारियों सहित छह सैन्यकर्मियों की जान चली गई और चार आतंकवादी मारे गए।
भद्रवाह के घाटा गांव निवासी पंडित शांति प्रकाश (96) ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें खुशी है कि 10 साल के लंबे अंतराल के बाद आखिरकार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, जिससे हमें अपनी सरकार चुनने का मौका मिला है। हमें उम्मीद है कि चुनाव के बाद राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा।’’
चोबिया लिंक रोड के पास रहने वाले नवीन कोतवाल (64) ने कहा कि वह ‘‘पिछले 10 वर्षों में जम्मू कश्मीर के लोगों पर हुए अन्याय के खिलाफ और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए’’ मतदान कर रहे हैं।
चिनोडे गांव के पूर्व सरपंच खालिद बशीर मुगल (52) ने कहा कि मतदान की शुरुआत से ही मतदाताओं की भारी भीड़ लोगों की सरकार चुनने की इच्छा को दर्शाती है।
पहली बार मतदान करने वाली बहनें मुकद्दस और मशैल ने कहा कि उन्होंने बेहतर भविष्य के लिए मताधिकार का इस्तेमाल किया।