नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कांफ्रेंस कर आर्थिक पैकेज का लेखा जोखा पेश कर रही हैं. इसी क्रम में आज अपनी दूसरी प्रेस कांफ्रेंस में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने में प्रवासी मज़दूरों, रेहड़ी पटरी वालों, छोटे कारोबारी और छोटे किसानों को लेकर ऐलान किया गया.
उन्होंने बताया कि 31 मई तक किसानों को ब्याज से छूट दी गई है. 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं. प्रवासी मजदूरों को अगले दो महीने तक फ्री खाद्यान मिलेंगे. बिना राशनकार्ड वालों को पांच किलो राशन दिया जाएगा. मजदूरों का कल्याण हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है. न्यूनतम मजदूरी वर्तमान में केवल 30 प्रतिशत श्रमिकों पर लागू होती है. हम इसे सभी के लिए बनाना चाहते हैं.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 3 करोड़ किसानों के लिए जो 4,22,000 करोड़ के कृषि ऋण का लाभ दिया गया है, उसमें पिछले तीन महीनों का लोन मोरटोरियम है. ब्याज पर सहायता दी है. 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी दी है जिसकी लिमिट 25000 करोड़ होगी. कृषि ऋण के लिए ब्याज पर सहायता और त्वरित भुगतान के लिए निर्धारत अवधि को 1 मार्च 2020 से बढ़ाकर 31 मई 2020 किया जा रहा है. मार्च 1 से 30 अप्रैल के बीच 86 हज़ार 600 करोड़ रुपये के 63 लाख लोन जारी किए गए.
मार्च 2020 में नाबार्ड में सहकारी बैंकों और ग्रामीण बैंकों की मदद के लिए 29500 करोड़ रुपये सहायता के लिए दिए गए. राज्यों को कृषि उत्पादन की खरीद के लिए माचज़् 2020 से अब तक 6700 करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी दी गई है. देश भर में एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है कि जो प्रवासी मजदूर जहां हैं अगर वो चाहें तो वहां पर भी अपने आप को रजिस्टर कराकर वहां काम ले सकते हैं.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शहरी गरीबों के लिए ऐलान करते हुये कहा कि राज्यों को राज्य आपदा प्रबंधन कोष से खर्च की इजाजत दी गई. केंद्र सरकार ने राज्यों को 11002 करोड़ रुपए एसडीआरएफ को मजबूत करने के लिए दिए गए. इससे शेल्टर बनाए गए, जिसमें तीन समय का भोजन उपलब्ध कराया गया. 12 हजार स्वयं सहायता समूह ने 3 करोड़ मास्क और 1.20 लाख लीटर सेनेटाइजर का उत्पादन किया गया. 15 मार्च के बाद से 7200 हज़ार नए स्वयं सहायता समूह बनाये गए.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 14.62 करोड़ कार्य दिवस का काम 13 मई 2020 तक उपलब्ध कराया गया है.10 हज़ार करोड़ रुपये खर्च हुआ है. मजदूरो को 2.33 करोड़ मजदूरो को मनरेगा के तहत काम दिया गया. पिछले साल के मुकाबले 40 से 50 प्रतिशत अधिक लोगों को काम दिया गया. पिछले साल के मुकाबले दिए जाने वाले पारिश्रमिक को 185 से बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया गया है. कॉर्पोरेटिव बैंक और रीजनल ग्रामीण बैंक को मार्च 2020 नाबार्ड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया. ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई.