किसके साथ होगा किसके सर होगा जीत का सेहरा
अनुप्रिया चौबे
बहरागोड़ा विधानसभा चुनाव नजदीक है और देखना ये हैं कि 2019 चुनाव में जीत किसकी होगी । झामुमो से भाजपा में आए विधायक कुणाल और भाजपा से झामुमो में आए समीर के बीच घमासान इस चुनाव में देखने को मिल रहा है । यह पहला मौका है जब यहां दो दलों के बीच सीधी लड़ाई होने जा रही है । इस चुनाव में भाजपा को अपनी हार की हैट्रिक रोकने और झामुमो को जीत की हैट्रिक लगाने की चुनौती है ।
2009 विधानसभा चुनाव में जेएमएम के विद्युत वरण महतो ने जीत हासिल की और विधायक बने । 2014 के चुनाव में जेएमएम के कुणाल सारंगी ने बीजेपी उम्मीदवार दिनेशानंद गोस्वामी को हराया था । बीजेपी के उम्मीदवार कुणाल षाडंगी पिछले विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के टिकट पर जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे । तब उनकी उम्र मात्र 29 साल थी । लेकिन जैसे ही 5 साल पूरे हुए, कुणाल ने पाला बदल लिया । उन्होंने अपनी आस्था बीजेपी की तरफ दिखाई और बीजेपी ने भी कुणाल को हाथों-हाथ ले लिया और विधानसभा चुनाव के लिए सिंबल थमा दिया ।
चुनाव को लेकर हो रही बातचीत के दौरान भाजपा प्रत्याशी कुणाल ने बताया कि मैंने अपने विधायकी के 5 साल के कार्यकाल में प्रतिदिन 16 घंटे जनता को समर्पित किया है । जनता ने मुझे इसीलिए नहीं चुना था कि मैं शिक्षित हूं इसीलिए विधायक बनाया था क्योंकि यहां की जनता शिक्षित है । साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस विधानसभा चुनाव में जनता भारी मतों से भाजपा को ही विजय बनाएगी ।
वहीं दूसरी तरफ झामुमो प्रत्याशी समीर से हुई बातचीत में समीर ने कहा कि बहरागोड़ा विस की जनता भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए परिवर्तन चाहती है । इस परिवर्तन का पहला विकल्प मैं हूं । यह चुनाव मैं नहीं यहां की जनता लड़ रही है । जनता ने मुझे विजय बनाने के लिए संकल्प ले लिया है । इस चुनाव में यहां की जनता मुझे भारी मात्रा से विजेता बना कर मुझे सेवा का मौका जरूर देगी ।
बहरहाल दोनों ही प्रत्याशी भितरघात की आशंकाओं से जूझ रहे हैं जिस दल में भितरघात की गुंजाइश कम होगी उस दल के प्रत्याशी को बनेगा जीत का सेहरा