झारखंड सरकार की नियोजन नीति झारखंड वासियों के लिए अभिशाप – अनिल ठाकुर (महासचिव, ब्रह्मर्षि विकास मंच )
झारखंड में हेमन्त सोरेन की नेतृत्व वाली सरकार ने नई नियोजन नीति लागू कर झारखंड में रहनेवाले हिंदी भाषा – भाषी, अंगिका,भोजपुरी,मगही भाषा – भाषी लोगों को अपमानित और तिरस्कृत करने का काम किया है । नई नियोजन नीति के अंतर्गत तृतीय एवम चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति के लिए होनेवाली परीक्षाओं में language paper में हिंदी,संस्कृत,भोजपुरी ,अंगिका,मगही भाषाओं को दरकिनार कर माननीय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपनी दोहरी मानसिकता को दर्शाने का कार्य किया है जिसका ब्रह्मर्षि विकास मंच पुरजोर विरोध करेगा । इस राज्य में निवास करने वाले हिंदी भाषा- भाषी लोगों को जिनकी आबादी राज्य की कुल आबादी का लगभग 50 प्रतिशत है को अपमानित और तिरस्कृत करने की साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा साथ ही जबरदस्त विरोध किया जाएगा । एक तरफ सरकार सभी को उचित मान सम्मान दिलाने की बात करती है तो दूसरी तरफ लाखों बेरोजगार को सड़क पर लाने के लिए काला कानून बनाती है । हिंदी जो कि हमारे देश की राष्ट्र भाषा है उसको भी अपमानित कलंकित करने का जो सरकार ने निर्णय लिया है यह कदापि न्यायोचित नही है इसका जोरदार विरोध किया जाएगा ।
मंच सरकार से मांग करती है कि अविलम्ब नियोजन नीति में संशोधन करते हुए हिंदी,संस्कृत,अंगिका,भोजपुरी, मगही भाषाओं को शामिल कर राज्य की आधी आबादी को मान सम्मान दिलाने हेतु उचित पहल करे ।