झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा द्वारा आगामी 22 सितंबर को होने वाले बिहार-यूपी महाजुटान पर रोक लगाने को लेकर जमकर किया गया प्रदर्शन
राष्ट्र संवाद संवाददाता
अमन ओझा
आगामी 22 सितंबर को झारखंड के जमशेदपुर में बारीडीह चौक से एग्रीको मैदान तक बिहार यूपी स्वाभिमान एकता यात्रा सह बिहार यूपी महाजुटान कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के आयोजन करता सागर तिवारी है एवं मुख्य अतिथि के तौर पर मनीष कश्यप मौजूद रहेंगे। जिसकी अविलंब रोक लगाने हेतु झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के कोल्हान प्रमंडल के अध्यक्ष नवीन महतो के नेतृत्व में जमशेदपुर के उपायुक्त कार्यालय में उपायुक्त को यह कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए आग्रह करते हुए कार्यालय के समक्ष भारी मात्रा में कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर प्रदर्शन किया गया।
वहीं पत्रकारों को संबोधित करते हुए नवीन महतो ने कहा की बिहार यूपी स्वाभिमान एकता यात्रा सह बिहार यूपी का महजुटन कार्यक्रम बिहार एवं यूपी में न होकर झारखंड में क्यों हो रहा है। झारखंड ने आपको सम्मान दिया, आपको रोजी-रोटी दी, और आज झारखंड के नाम स्वाभिमान यात्रा न करके सागर तिवारी द्वारा यूपी बिहार के नाम से स्वाभिमान यात्रा करके झारखंडी, आदिवासी, मूलवासी, जनमानस की आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। श्री मंडल ने यह भी कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक लाभ के लिए यह सब कर रहे हैं, इससे झारखंडी लोगों में रोस भाव प्रकट हो रही है। जिससे आपसी तनाव पैदा हो सकती है, जो कि झारखंड हित में कतई अच्छी बात नहीं है। यदि विभाग व प्रशासन के द्वारा उक्त कार्यक्रम की स्वीकृति दी जाती है तो पूरे झारखंड के गली, मोहल्ला, सड़क आदि पर जेबीकेएसएस/जेकेएलएम परिवार इसका पुरजोर विरोध प्रदर्शन करने का काम करेगी। जिसका जिम्मेवार प्रशासन के अधिकारी खुद होंगे।
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स्वाभिमान एकता यात्रा किसी प्रकार का राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, झारखंड के रहने वाले तमाम लोग मेरे ही परिवार हैं – सागर तिवारी
स्वाभिमान एकता यात्रा किसी प्रकार का राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है झारखंड में बड़े संख्या में बिहार-यूपी के लोग रहते है और सभी समाज सालभर में कभी ना कभी अपना जुटान करते है तो फिर बिहार-यूपी के जुटान से समस्या काहे । हर जगह राजनीति करके आपसी भाई चारा खत्म करने का प्रयास किया जा रहा हैं और मेरे नजर में जितने भी लोग उपायुक्त कार्यालय में उपस्थित थे सभी हमारे परिवार की तरह है और सभी को मिलकर झारखड़ के विकास के बारे सोचना चाहिए नाकि झारखंड के भीतर आपसी विवाद को तूल देने की जरूरत है ।
हमारे संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है की हम अपने समाज का जुटान नहीं कर सकते है राजनीतिक स्वार्थ के लिए हर कार्यक्रम को बदनाम करने का प्रयास नहीं होना चहिए अगर बिहार-यूपी के लोग यात्रा करते है तो इससे किसी समाज को समस्या नहीं होना चहिए । एक दूसरे के कार्यक्रम का विरोध करना बहुत छोटी सोच है और विरोध में कार्यक्रम का घोषणा करना छोटी सोच को दर्शाता है में चाहता हूँ की वो भी कार्यक्रम करे पर अपनी एकता और विकास के लिए करे किसी के विरोध में ना करे। विरोध समाज को तोड़ता है और में समाज को जोड़ने का काम करने वाला इंसान हूँ।