झारखंड हाई कोर्ट के वकीलों ने 2 सप्ताह के लिए कोर्ट के सभी न्याय और गैर न्यायिक कार्यों को स्थगित रखने का आग्रह किया है वकीलों का कहना है कि राज्य में तेजी से कोरोनावायरस फैल रहा है कोर्ट में वकीलों के साथ साथ अन्य लोगों के आने से संक्रमण का खतरा बना रहता है ऐसे में कोर्ट के सभी कार्यों को स्थगित कर दिया जाए तो बेहतर होगा और महा विभीषिका से बचा जा सकता है अन्यथा कोर्ट के न्यायिक पदाधिकारी और गैर न्यायिक पदाधिकारी भी कोरोना की चपेट में आ सकते हैं हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार के मुताबिक एडवोकेट एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव कमिटी की ऑनलाइन बैठक में तय किया गया है कि झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से आग्रह किया जाएगा कि वह एडवोकेट एसोसिएशन के इस सुझाव पर विचार करें और राज्य हित में न्यायिक पदाधिकारियों गैर न्यायिक पदाधिकारियों और वकीलों के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला लें जानकारी हो कि हाईकोर्ट के फाइलिंग सेकशन के एक कर्मचारी के कोरोनावायरस पोजिटिव पाए जाने के बाद पिछले 2 दिनों से हाई कोर्ट में नियमित सुनवाई पर विराम लगा हुआ है अति महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई चीफ जस्टिस की सहमति से की जा रही हैसिविल कोर्ट के वकीलों ने भी रखी मांग दूसरी ओर रांची सिविल कोर्ट के वकीलों ने भी न्यायिक कार्यों को कोरोना संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए स्थगित किए जाने की मांग की है स्टेट बार काउंसिल के मीडिया कन्वेनर और रांची सिविल कोर्ट के वरीय अधिवक्ता संजय विद्रोही ने रांची जिला अदालत में भी मुकदमों की सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया है साथ ही कहा है कि स्टेट बार काउंसिल के द्वारा एक बैठक कर राज्य भर के वकीलों के लिए कोरोना काल में आर्थिक मदद देने की दिशा में कदम उठाए जाएंइधर जमशेदपुर जिला कोर्ट के अधिवक्ताओं ने भी इस मांग का जोरदार समर्थन किया है स्टेट बार काउंसिल के मीडिया कन्वेनर की मांग का समर्थन करते हुए जमशेदपुर जिला कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने भी कहा है कि कोरोना संक्रमण से निपटना आम व्यक्ति के लिए जरूरी है साथी न्यायिक पदाधिकारियों गैर न्यायिक कर्मचारियों अधिवक्ताओं के लिए भी कोरोना संक्रमण से बचाव जरूरी है क्योंकि कोर्ट में भीड़ लगती है पुलिस वकील आम आदमी काफी संख्या में कोर्ट में पहुंचते हैं ऐसे में संक्रमण से बचाव करना काफी कठिन होता है इसलिए हाईकोर्ट के वकीलों की मांग की तर्ज पर ही जिला कोर्ट में भी 2 सप्ताह तक न्यायिक कार्य और गैर न्यायिक कार्य सस्पेंड किए जाएं